मुंबई डाक यार्ड में युद्धपोत आईएनएस रणवीर में विस्फोट, भारतीय नौसेना के तीन सैनिक शहीद; 11 अन्य घायल
मुंबई के नेवल डाक यार्ड में मंगलवार की देर शाम युद्ध पोत आईएनएस रणवीर के अंदरूनी हिस्से में हुए विस्फोट में तीन लोग मारे गए और 11 घायल हुए। विस्फोट के कारणों का अभी पता नहीं चल सका है। जांच के लिए बोर्ड आफ इन्क्वायरी का गठन किया गया है।
मुंबई, एजेंसी: मुंबई के नेवल डाक यार्ड में मंगलवार की देर शाम एक युद्ध पोत आईएनएस रणवीर के अंदरूनी हिस्से में हुए विस्फोट में तीन लोग मारे गए हैं और 11 घायल हुए हैं। विस्फोट के कारणों का अभी पता नहीं चल सका है। घटना की जांच के लिए बोर्ड आफ इन्क्वायरी का गठन कर दिया गया है।
जल्द ही अपने बेस पोर्ट पर लौटने वाला जहाज
आईएनएस रणवीर मूलतः पूर्वी तट (वाइजैग) पर तैनात रहनेवाला युद्धपोत है। यह नवंबर 2021 से मुंबई में था, और जल्दी ही इसकी वापसी होनी थी। मंगलवार शाम अचानक इसके अंदरूनी हिस्से में विस्फोट हो गया। जिसकी चपेट में आने से तीन नौसैनिक मारे गए एवं 11 के घायल होने की सूचना है। रक्षा विभाग के प्रवक्ता के मुताबिक विस्फोट के तुरंत बाद पोत पर मौजूद क्रू सदस्यों ने पहुंचकर विस्फोट के कारण लगी आग पर काबू पा लिया, जिसके कारण पोत को अधिक नुकसान से बचा लिया गया है। नौसेना सूत्रों का कहना है कि पोत पर सुसज्जित हथियार एवं विस्फोटक भी इस विस्फोट से सुरक्षित रहे हैं।
21 अप्रैल, 1986 को भारतीय नौसेना में हुआ था शामिल
आईएनएस रणवीर, रणवीर श्रेणी के विस्फोटकों का पहला युद्धपोत है। इसे भारतीय नौसेना में 21 अप्रैल, 1986 में शामिल किया गया था। इसका निर्माण पूर्व के सोवियत संघ में हुआ था। मौजूदा नौसेना प्रमुख आर.हरिकुमार भी इस पोत के प्रभारी रह चुके हैं। आज के विस्फोट में घायल हुए नौसैनिकों के इलाज के लिए आईएनएस अश्विनी अस्पताल में भर्ती किया गया है। साथ ही मृतकों के संबंध में अभी तक कोई जानकारी नहीं दी है।
घातक हथियारों से लैस आईएनएस रणवीर
जम्मू और कश्मीर राइफल्स और लद्दाख स्काउट्स की रेजिमेंटों से संबद्धित, आईएनएस रणवीर में आन-बोर्ड हथियारों में सतह से सतह और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें, विमान भेदी और मिसाइल रोधी बंदूकें, टॉरपीडो और पनडुब्बी रोधी राकेट शामिल हैं। एक नौसेना युद्धपोत का सेना रेजिमेंट के साथ जुड़ाव परिचालन की तुलना में परंपरा अधिक है। आईएनएस रणवीर की समुद्री भूमिकाओं में तटीय और अपतटीय गश्त, समुद्री रास्तों की निगरानी, समुद्री कूटनीति, आतंकवाद का मुकाबला और समुद्री डकैती विरोधी अभियान शामिल हैं।