Move to Jagran APP

Indian Railways: रेलयात्रियों के लिए खुशखबरी, अब कंबल खुद 'बोलेगा'..मैं हो गया गंदा

ट्रेनों के बेडरोल में बदबूदार कंबल की शिकायत सबसे अधिक मिलती है। इसी को देखते हुए रेलवे ने कंबल की ऑनलाइन मॉनीटरिंग का फैसला किया।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Thu, 15 Aug 2019 10:18 PM (IST)Updated: Thu, 15 Aug 2019 10:34 PM (IST)
Indian Railways: रेलयात्रियों के लिए खुशखबरी, अब कंबल खुद 'बोलेगा'..मैं हो गया गंदा
Indian Railways: रेलयात्रियों के लिए खुशखबरी, अब कंबल खुद 'बोलेगा'..मैं हो गया गंदा

लखनऊ, निशांत यादव। ट्रेनों के एसी क्लास में मिलने वाले गंदे बेडरोल की शिकायत भले ही रेलवे अनसुना करता हो, लेकिन अब गंदा होने पर कंबल खुद बोलेगा..मैं हो गया गंदा। 15 दिन के भीतर धुलाई न होने पर रेलवे को अलर्ट भेज देगा। यह मुमकिन होगा कंबल की इलेक्ट्रानिक टैगिंग से। उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल सभी ट्रेनों के करीब 10 हजार कंबलों में 15 सितंबर से यह व्यवस्था शुरू कर देगा।

loksabha election banner

यात्रियों को रेलवे जो बेडरोल मुहैया कराता है, उसमें तकिया कवर, चादर और तौलिया को एक बार इस्तेमाल के बाद धोने का नियम है। जबकि कंबल की धुलाई 15 दिन में कराने की व्यवस्था है। हालांकि, हकीकत में उन्हें दो से ढाई महीने बाद धोया जाता है। यही वजह है, बेडरोल में बदबूदार कंबल की शिकायत सबसे अधिक मिलती है। इसी को देखते हुए रेलवे ने कंबल की ऑनलाइन मॉनीटरिंग का फैसला किया।

 ऐसे होगी मॉनीटरिंग

बड़े शॉपिंग मॉल की तरह हरेक कंबल की टैगिंग की जाएगी। इसमें एक बार कोड होगा, जिसे हर बार धुलाई के समय स्कैनर से स्कैन कर उसका डाटा कंप्यूटर में फीड किया जाएगा। हर एक कंबल का एक आइडी नंबर बनाया जाएगा, जो कंबल की टैगिंग पर दर्ज होगा। एक बार धुलाई के बाद कंबल को दोबारा 15 दिन पूरा होने पर लांड्री में लाना होगा। ऐसा न करने पर 16वें दिन कंप्यूटर पर एक अलार्म बजेगा। जिसमें आइडी नंबर से यह पता चलेगा कि कौन सा कंबल है जिसकी धुलाई का समय पूरा हो गया है। मंडल प्रशासन आइडी नंबर से उस ट्रेन को ढूंढ़ निकालेगा, जिसमें वह कंबल होगा।

 निर्धारित दिन से पहले अटेंडेंट की जिम्मेदारी

यदि कंबल 15 दिन से पहले गंदा होगा तो कोच अटेंडेंट उसे निकालकर लांड्री को वापस सौंपेगा। वहां उसकी धुलाई की ऑनलाइन फीडिंग फिर से होगी। रेलवे निजी एजेंसी की मदद से ऑनलाइन मॉनीट¨रग का सॉफ्टवेयर और प्रोग्राम बनवाएगा। इसे कैरिज व वैगन अनुभाग के कर्मचारी नियंत्रित करेंगे।

ऑनलाइन होगी मॉनीटरिंग

ऑनलाइन मॉनीटरिंग से कंबल की धुलाई सुनिश्चित हो सकेगी। वहीं, इसके चोरी होने और गंदगी को लेकर यात्रियों की शिकायतें कम होंगी।

-संजय त्रिपाठी, डीआरएम, लखनऊ मंडल


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.