अपने 'एक्टिविस्ट' नेताओं को हद में रहने की सीख देगी भाजपा
परेशान भाजपा ने अपने नेताओं को चेतावनी दी है कि वह सार्वजनिक तौर पर कुछ भी बोलने और पार्टी की फजीहत करने से बचें।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मंत्री बनने के बावजूद एक्टिविस्ट(सरगर्म मेंबर) बन रहे नेताओं से भाजपा परेशान है। किसानों को बचाने के लिए नीलगाय के शिकार पर सरेआम उंगली उठाकर मनेका गांधी ने सरकार की ही फजीहत कराई थी। अब महाराष्ट्र सरकार की मंत्री पंकजा मुंडे के आपत्तिजनक ट्वीट से पार्टी नेतृत्व असहज और नाराज है। ऐसे नेताओं को सख्ती से याद दिलाया जा सकता है कि व्यक्तिगत लड़ाई या एक्टिविज्म को मंत्री पद से अलग रखें और जो जितने बड़े पद पर हैं वह उतनी गंभीरता से इसका पालन करें।
गौरतलब है कि कुछ मंत्रालय छिने जाने के बाद पूर्व दबंग नेता गोपीनाथ मुंडे की पुत्री व मंत्री पंकजा ने ट्वीट के जरिए परोक्ष रूप से मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधा था। जवाब भी फडणवीस ने ट्वीट पर ही दिया था और यह पूरा प्रकरण विपक्ष के लिए मुद्दा बना। शिवसेना के साथ खुलेआम तनातनी के बीच महाराष्ट्र भाजपा में भी तकरार सार्वजनिक हो गई।
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भाजपा के एक बड़े केंद्रीय नेता का कहना है कि ऐसे प्रकरण से पार्टी की छवि खराब हो रही है। उन्होंने संकेत दिया कि ऐसे नेताओं को याद दिलाई जाएगी कि उन्हें व्यक्तिगत नफे नुकसान की बजाय जनता, सरकार और पार्टी का ध्यान रखना चाहिए। उक्त नेता ने इस क्रम में मनेका गांधी के हाल के बयानों का भी जिक्र किया और कहा कि देश के अन्नदाता किसान को भूलकर नीलगायों की रक्षा नहीं की जा सकती है।
उन्होंने कहा कि जमीन से जिस तरह की रिपोर्ट आ रही है उसके बाद किसानों को बचाने के लिए राज्य सरकार के आग्रह पर नीलगायों को मारने की अनुमति दी गई थी। लेकिन मनेका गांधी ने जिस तरह इसे तूल दिया उससे सरकार को ही कठघरे में खड़ा करने का प्रयास दिखा।
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उन्होंने तल्ख लहजे में कहा- 'वह खुद किसानों के बीच जाएं तो जवाब मिलेगा. अपने एक्टिविज्म को प्रचारित करने के लिए बड़े मुद्दे को भूलना न उनके लिए उचित है और न ही सरकार व देश के लिए। वह मंत्री हैं तो उन्हें समाज के लिए और ज्यादा जिम्मेदार होना चाहिए।' संकेत है कि इन मंत्रियों के साथ साथ दूसरे नेताओं को भी उचित मंच से और उचित स्तर से इस बाबत संदेश दिया जाएगा। उन्हें कहा जाएगा कि ट्वीट का उपयोग व्यक्तिगत लड़ाई के लिए न करें।