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सांसदों से रेल भाड़ा वसूलने पर अकेले पड़े भाजपा सांसद कीर्ति आजाद

लोकसभा में जब भाजपा सांसद कीर्ति आजाद ने रेल आरक्षण करवाकर भी यात्रा नहीं करनेवाले सांसदों से इस भाड़े को वसूलने की मांग की तो वे अकेले पड़ गए।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Wed, 10 Aug 2016 10:28 PM (IST)Updated: Wed, 10 Aug 2016 10:44 PM (IST)
सांसदों से रेल भाड़ा वसूलने पर अकेले पड़े भाजपा सांसद कीर्ति आजाद

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। वर्षो से माननीयों के नाम पर रेल आरक्षण करवा कर कुछ लोग सरकारी खजाने को चूना लगा रहे हैं। वैसे सरकार इसे अब रोकने जा रही है लेकिन जब लोकसभा में भाजपा सांसद कीर्ति आजाद ने रेल आरक्षण करवा कर भी यात्रा नहीं करने वाले सांसदों से इस भाड़े को वसूलने की मांग की तो वे अकेले पड़े गये।

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सत्ता पक्ष और विपक्ष के सांसदों ने एक स्वर में इसका विरोध करा कर उन्हें चुप कर दिया। हालांकि रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा है कि वह सांसदों के नाम पर हो रहे रेल आरक्षण में मौजूदा गड़बडि़यों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने जा रही है।

उल्लेखनीय तथ्य यह है कि सरकार यह तो स्वीकार कर रही है कि सासंदों के रेल आरक्षण की आड़ में अनियमितताएं हुई हैं लेकिन इसका कोई आंकड़ा उसके पास नहीं है। पिछले दिनों मीडिया में इस बात का खुलासा हुआ था कि सांसदों के नाम पर रेल आरक्षण हो रहे हैं और उन्हें पता भी नहीं है। इससे देश को दो तरह से हानि हो रही है। एक तो यह पैसा लोकसभा या राज्य सभा के सचिवालय से दिया जाता है। दूसरा रेल को भी कम किराया मिलता है।

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प्रश्नकाल के दौरान आजाद ने रेल मंत्री से यह जानना चाहा कि कई बार सांसद रेल आरक्षण करवाते हैं लेकिन अंतिम समय में वह यात्रा पर नहीं जाते। इस स्थिति में रेल किराये उस सांसद से वसूली जानी चाहिए। अभी लोकसभा या राज्यसभा सचिवालय को इसका बोझ उठाना पड़ता है। आजाद ने इस पर सांसदों से आत्ममंथन करने का आग्रह किया।

लेकिन पिछले कुछ दिनों से भाजपा से नाराज चल रहे आजाद का यह आग्रह करना था कि सत्ता व विपक्ष के सांसदों ने एक स्वर में उनका विरोध किया। शोर-शराबे में आजाद को बैठना पड़ा। लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन भी आजाद के इस सुझाव से सहमत नहीं दिखी।

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उन्होंने कहा कि, कोई शौक से जाना रद्द नहीं करता है। बहरहाल, रेल मंत्री प्रभु ने यह बताया कि सरकार सभी मौजूदा और पूर्व सांसदों को एक विशेष नंबर देने जा रही है। इस नंबर के जरिए ही वे रेल आरक्षण करा सकेंगे और साथ ही जब भी आरक्षण होगा तो उनके व्यक्तिगत नंबर पर मैसेज भी जाएगा। इससे सांसदों के नाम पर आरक्षण को लेकर हो रही गड़बडि़यों को दूर किया जा सकेगा।


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