अब चंदा मामा दूर के नहीं रहेंगें, भारत की अंतरिक्ष में बड़ी छलांग, अक्टूबर तक लांच होगा चंद्रयान-2
चंद्रयान-2 से चांद पर जीवन तलाशने की संभावनाओं को बल मिलेगा।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत अंतरिक्ष में बड़ी छलांग लगाने की तैयारी में है। चंद्रयान-2 के प्रक्षेपण की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं और इसे सितंबर-अक्टूबर में लांच किया जा सकता है।
-जीएसएलवी और पीएसएलवी के लांचिंग पैड के विस्तार के लिए धनराशि मंजूर
प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने बुधवार को इसकी जानकारी देते हुए कहा कि चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण सफल रहने पर अब चंदा मामा दूर के नहीं रहेंगें। चंद्रयान-2 से चांद पर जीवन तलाशने की संभावनाओं को बल मिलेगा।
पीएम मोदी के न्यू इंडिया के सपने को साकार करने के लिए सरकार ने अंतरिक्ष अध्ययनों की जरुरतों पर जोर दिया है जिसके तहत सरकार की ओर से सैटेलाइट लांचिंग पैड की क्षमता बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। पीएसएलवी वेहिकल के लिए कुल 6,131 करोड़ रुपए की जरूरत पड़ेगी। वहीं जीएसएलवी एमके-3 के लिए 4,338 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
लांचिंग पैड की क्षमता बढ़ने से देश में चार हजार टन से अधिक क्षमता के सैटेलाइट प्रक्षेपित किए जा सकेंगे, साथ ही बड़े सैटेलाइट लांच करने के लिए दूसरे देशों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। यही नहीं भारत अन्य देशों के बड़े सेटेलाइट भी अंतरिक्ष में भेजने में अब सक्षम होगा।
इससे पहले भारत की ओर से चंद्रयान-1 को सफलतापूर्वक चांद पर भेजा जा चुका है। वर्ष 2008 के अक्टूबर माह में प्रक्षेपित चंद्रयान-1 ने पानी की संभावनाओं की तलाश की थी।