केंद्रीय मंत्रिमंडल के बड़े फैसले, अनाज से एथनॉल का प्रस्ताव मंजूर, तीन लाख रोजगार पैदा करने के लिए योजना को भी मंजूरी
केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में बड़े फैसले लिए गए। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इन फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि दो ट्रेड कॉरिडोर बन रहे हैं जिससे माल ढुलाई अच्छे से होगी। जहां माल ढुलाई होगी उस कॉरिडोर के साथ जहां एक्सप्रेस-वे और एयरपोर्ट भी हैं।
नई दिल्ली, एजेंसियां/जेएनएन। केंद्रीय मंत्रिमंडल की बुधवार को हुई बैठक में बड़े फैसले लिए गए। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इन फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि 7,725 करोड़ रुपए की लागत से लगभग तीन लाख रोजगार पैदा करने के लिए योजना को मंजूरी मिली है। मंत्रिमंडल ने कृष्णपत्तनम और तुमाकुरू में औद्योगिक गलियारा और ग्रेटर नोएडा में मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक केंद्र को मंजूरी दी है। कृष्णपट्टनम बंदरगाह में 2,139 करोड़ रुपए की लागत से औद्योगिक क्षेत्र का विकास किया जाएगा।
ट्रेड कॉरिडोर में होंगी सभी परिवहन सुविधाएं
जावड़ेकर ने बताया कि दो ट्रेड कॉरिडोर बन रहे हैं जिससे माल ढुलाई अच्छे से होगी। जहां माल ढुलाई होगी उस कॉरिडोर के साथ जहां एक्सप्रेस-वे हैं, बंदरगाह हैं, रेलवे की सुविधा है और एयरपोर्ट भी हैं। ऐसी जगहों पर औद्योगिक शहरों का विकास करने का निर्णय लिया गया है।
तीन देशों में खुलेंगे भारतीय मिशन
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस्टोनिया, पैराग्वे और डोमिनिकन रिपब्लिक में भारतीय मिशन खोले जाने को मंजूरी दे दी है। इससे इन तीनों देशों के साथ व्यापारिक और सांस्कृतिक संबंध मजबूत किए जा सकेंगे। यह जानकारी केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने दी।
मित्र देशों से बेहतर होंगे संबंध
कैबिनेट फैसलों की जानकारी मीडिया को देते हुए जावडेकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभी देशों के साथ अच्छे संबंध रखना चाहते हैं। इन तीन देशों में भारतीय मिशन की स्थापना इसी दिशा में एक कदम है। इस संबंध में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने एक ट्वीट में कहा कि इस फैसले से भारत के इन तीन देशों से रिश्ते बेहतर होंगे।
भूटान के साथ समझौते को मंजूरी
कैबिनेट ने एक अन्य फैसले में भारत और भूटान के बीच अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण उपयोग के लिए हुए समझौते को मंजूरी दे दी। दोनों देशों के बीच यह समझौता 19 नवंबर को हुआ था।
पारादीप में बनेगा विश्व स्तरीय बंदरगाह
केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया (Mansukh Mandaviya) ने बताया कि पारादीप पोर्ट में एक वेस्टर्न डॉक बनाने के लिए नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व वाली सरकार ने 3000 करोड़ रुपये के खर्च से एक आधुनिक और विश्व स्तरीय बंदरगाह निर्माण करने का फैसला लिया है।
अनाज से एथनॉल का प्रस्ताव कैबिनेट में मंजूर
किसानों को उनकी उपज का उचित व लाभकारी मूल्य दिलाने के लिए सरकार ने एक और नीतिगत पहल की। गन्ने के बाद अब गेहूं, चावल, मक्का और अन्य खाद्यान्न से भी एथनॉल उत्पादन की मंजूरी दे दी गई है, ताकि बाजार में कृषि उपज का अच्छा मूल्य प्राप्त हो सके। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan) ने बताया कि मंत्रिमंडल ने देश में इथेनॉल उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए संशोधित योजना मंजूर की। देश में पहली पीढ़ी (1G) इथेनॉल के उत्पादन के लिए संशोधित योजना के तहत अनाज (चावल, गेहूं, जौ, मक्का और शर्बत), गन्ना, चीनी पत्ता आदि से इथेनॉल का उत्पादन किया जाएगा। मंत्रिमंडल ने इथेनॉल उत्पादन संयंत्रों के लिए 4,573 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद को भी मंजूरी दी।
अतिरिक्त अनाज की होगी खपत
सरकार के इस फैसले से जहां अतिरिक्त अनाज की खपत हो जाएगी, वहीं पेट्रोलियम की आयात निर्भरता को घटाने में भी मदद मिलेगी। एथनॉल उत्पादन की क्षमता बढ़ाने के लिए मिलों को सस्ता ऋण मुहैया कराया जाएगा, जो छह फीसद तक हो सकता है। यह मदद उन सभी इकाइयों को दी जाएगी जो गन्ने के शीरा अथवा खाद्यान्न आधारित डिस्टीलरी की स्थापना करेंगी। सरकार इसके पहले भी एथनॉल उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए 4687 करोड़ रुपये की मंजूरी दे चुकी है। सरकार कंपनियों को अगले 10 साल तक एथनॉल का उचित मूल्य दिलाने को प्रतिबद्ध है।
मुहैया कराई जाएगी ब्याज सब्सिडी
ब्याज सब्सिडी उन्हीं एथनॉल कंपनियों को मुहैया कराई जाएगी, जो अपने उत्पादन का 75 फीसद हिस्सा तेल कंपनियों को बेचेंगी। फिलहाल देश में शीरा आधारित 426 करोड़ लीटर एथनॉल उत्पादन की क्षमता है। एथनॉल का प्रयोग शराब उद्योग और पेट्रोल में मिलाने के लिए होता है। गन्ना वर्ष 2019-20 (दिसंबर से नवंबर) में पेट्रोल में औसतन नौ फीसद एथनॉल मिलाया गया। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने बताया कि घरेलू एथनॉल उत्पादन बढ़ाकर 2030 तक पेट्रोल में एथनॉल मिश्रण को 20 फीसद तक पहुंचाने का लक्ष्य है।
1400 करोड़ लीटर एथनॉल की जरूरत
देश में एथनॉल उत्पादन क्षमता को बढ़ाकर 1750 करोड़ लीटर तक ले जाना है, जिसके लिए कुल 40 हजार करोड़ रुपये के निवेश की जरूरत होगी। पेट्रोल में 20 फीसद एथनॉल मिलाने और केमिकल उद्योग के साथ अन्य उपयोग के लिए 2030 तक कुल 1400 करोड़ लीटर एथनॉल की जरूरत होगी। इसमें 1000 करोड़ लीटर की जरूरत पेट्रोल में मिलाने के लिए होगी, बाकी हिस्सा अन्य उपयोग के लिए होगा।
चीनी उद्योग की स्टॉक की समस्या का होगा समाधान
चीनी से तकरीबन 700 करोड़ लीटर एथनॉल का उत्पादन कर लिया जाएगा। इसके लिए 60 लाख टन चीनी की जरूरत होगी, जिससे चीनी उद्योग की स्टॉक की समस्या का समाधान होगा और घरेलू बाजार में चीनी की कीमतों में गिरावट रोकने में मदद मिलेगी। इसका फायदा गन्ना किसानों को मिलेगा, जिससे समय पर भुगतान करने में सहूलियत होगी। अतिरिक्त 700 करोड़ लीटर एथनॉल बनाने के लिए तकरीबन 1.75 करोड़ टन खाद्यान्न की जरूरत होगी। इससे किसानों को उनकी उपज का अच्छा मूल्य मिलने का एक और रास्ता खुल जाएगा।
आकाश मिसाइल सिस्टम के निर्यात को मंजूरी
प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट ने आकाश मिसाइल सिस्टम के निर्यात को भी मंजूरी दी है। मिसाइल के निर्यात को तेजी से मंजूरी देने के लिए एक समिति भी गठित की गई है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के ट्वीट कर बताया कि निर्यात किया जाने वाला मिसाइल सिस्टम भारतीय सेना द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे संस्करण से बिल्कुल अलग होगा। आकाश मिसाइल की रेंज 25 किलोमीटर है और इसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने विकसित किया है।