शिवराज सरकार का बड़ा एलान, पत्थरबाजों और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों पर कसेगी नकेल, बनेगा कानून
बीते दिनों मध्य प्रदेश कैबिनेट ने धर्म स्वातंत्रता (धार्मिक स्वतंत्रता) अध्यादेश को मंजूरी दी थी। अब सीएम शिवराज सिंह चौहान ने एक और बड़ा एलान किया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि उन्होंने सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ कड़े कानून बनाने का निर्देश दिया है।
भोपाल, जेएनएन/एएनआइ। बीते दिनों मध्य प्रदेश कैबिनेट ने धर्म स्वातंत्रता (धार्मिक स्वतंत्रता) अध्यादेश को मंजूरी दी थी। अब सीएम शिवराज सिंह चौहान ने एक और बड़ा एलान किया है। उन्होंने कहा है कि सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। ऐसा करने वालों के खिलाफ न सिर्फ कड़ी कार्रवाई की जाएगी वरन सजा के साथ नुकसान की रकम भी उनसे वसूली जाएगी। शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को कहा कि मैनें ऐसे उपद्रवियों के खिलाफ कड़े कानून बनाने का निर्देश दिया है। उन्होंने यह भी बताया कि इस पर काम शुरू कर दिया गया है। जल्दी ही उपद्रवियों पर नकेल कसने के लिए कानून सामने आएगा।
पीड़ित व्यक्ति को देनी होगी क्षतिपूर्ति
दरअसल, बीते दिनों हुई पत्थरबाजी की कुछ घटनाएं हुई थीं जिसे लेकर शिवराज सिंह चौहान की सरकार सख्त है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पत्थरबाजी सामान्य अपराध नहीं है। ये लोग समाज के दुश्मन हैं और ऐसे लोगों को छोड़ा नहीं जाएगा। ऐसे उपद्रवियों को सजा के साथ ही पीड़ित व्यक्ति को क्षतिपूर्ति भी देनी होगी। उपद्रवी से आर्थिक भरपाई भी कराई जाएगी व उनकी संपत्ति राजसात की जाएगी। अधिकारियों को कानून बनाने के निर्देश दे दिए हैं।
अब होगा कड़ी सजा का प्रावधान
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पत्थरबाजी से किसी की जान भी जा सकती है। इससे भय और आतंक का माहौल बनता है। भगदड़ मचती है, अव्यवस्थाएं होती हैं। मध्य प्रदेश में कानून का राज ही चलेगा। अब तक ऐसे मामलों में मामूली कार्रवाई होती थी, अब हम कड़ी सजा का प्रावधान करने के लिए कानून बना रहे हैं।
पत्थरबाजी बर्दाश्त नहीं
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पत्थरबाजी और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना, आगजनी को अंजाम देना या किसी का व्यक्तिगत नुकसान या तोड़फोड़ करना अक्षम्य अपराध की श्रेणी में है। कोई भी बात शांतिपूर्ण ढंग से कहने की लोकतंत्र में अनुमति है, लेकिन पत्थरबाजी जैसी घटनाएं सहन नहीं की जाएंगी। सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों को कड़ी सजा देंगे।
कांग्रेस ने साधा निशाना
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने ट्वीट कर कहा है कि पत्थर फेंकने वालों पर कार्रवाई जरूर हो, पर बगैर अनुमति जुलूस निकालकर आपत्तिजनक व भड़काऊ नारे लगाने वालों, किसी के धार्मिक स्थल में जबर्दस्ती घुसने वालों, किसी भी धर्म के खिलाफ भड़काऊ नारे लगाने वालों के खिलाफ भी कानून बनाकर समान रूप से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
उज्जैन और इंदौर में हुई थी घटनाएं
बीते दिनों उज्जैन और इंदौर में श्रीराम मंदिर के निर्माण के लिए शांतिपूर्ण तरीके से धनसंग्रह करने को निकले रामभक्तों पर अकारण पत्थरबाजी की गई थी। इसके बाद इंदौर और उज्जैन के प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई कर पत्थरबाजों के मकान जमींदोज कर कड़ा संदेश दिया था। पहली घटना उज्जैन के बेगमबाग क्षेत्र में 25 दिसंबर को हुई थी जहां हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया गया था। पत्थरबाजी की इस घटना में नौ लोग घायल हो गए थी और पूरे क्षेत्र में तनाव फैल गया था।
उज्जैन में सख्त कार्रवाई
छानबीन में पाया गया था कि जिन मकानों से पथराव हुआ था वेे अवैध तरीके से बनाए गए थे। प्रशासन पूर्व में इन मकान मालिकों को नोटिस भी जारी कर चुका था। अगले दिन 26 दिसंबर को प्रशासन का अमला पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचा तो चार घंटे से भी ज्यादा समय तक उपद्रवियों ने बवाल किया। यहां तक कि शहर के काजी की ओर से धमकी के बाद भी अधिकारी पीछे नहीं हटे और भीड़ को तितर बितर कर के मकान गिरा दिया गया।
इंदौर के चांदनखेडी गांव में हुआ था बवाल
दूसरी घटना 29 दिसंबर को इंदौर जिले की देपालपुर तहसील के चांदनखेडी गांव में हुई थी जहां मंदिर निर्माण के लिए निकाली जा रही रैली पर पथराव किया गया था। पत्थरबाजी की चपेट में आकर 20 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। यहां तक कि उपद्रवियों ने धारदार हथियारों से हमला किया और गोलियां भी चलाईं। भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने केस दर्ज कर करीब 25 उपद्रवियों को गिरफ्तार कर लिया। यही नहीं 24 घंटे के भीतर प्रशासन ने स्वीकृत नक्शे का उल्लंघन कर बनाए गए मकानों को तोड़ दिया था।
धर्म स्वातंत्र्य विधेयक को दी जा चुकी है मंजूरी
मालूम हो कि इससे पहले शिवराज कैबिनेट ने धर्म स्वातंत्र्य (धार्मिक स्वतंत्रता) विधेयक 2020 को 26 दिसंबर को मंजूरी दी थी। यह कानून जबरन धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर करने वालों पर नकेल कसेगा। शिवराज सरकार ने कहा था कि फिलहाल धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम-2020 को अध्यादेश के माध्यम से लागू किया जाएगा। इससे पहले उत्तर प्रदेश में 28 नवंबर 2020 को उप्र विधि विरद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषषेध अध्यादेश-2020 लागू हुआ था। यही नहीं कर्नाटक के गृह मंत्री बासवराज बोम्मई भी लव जिहाद रोकने के खिलाफ यूपी की तर्ज पर कड़ा कानून बनाने का ऐलान कर चुके हैं।