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भारत को राहत: ट्रंप से अलग नहीं होगी कश्मीर पर बाइडन की नीति, अमेरिका के नए प्रशासन ने दिए पुख्ता संकेत

क्या कश्मीर को लेकर जो बाइडन प्रशासन की नीति पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जैसी होगी अथवा नहीं। अब बाइडन प्रशासन ने इस बात के पुख्ता संकेत दिए हैं कि अमेरिका जम्मू-कश्मीर को लेकर जारी अपनी नीति में परिवर्तन नहीं करने जा रहा है।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Fri, 05 Mar 2021 03:51 PM (IST)Updated: Fri, 05 Mar 2021 05:55 PM (IST)
भारत को राहत: ट्रंप से अलग नहीं होगी कश्मीर पर बाइडन की नीति, अमेरिका के नए प्रशासन ने दिए पुख्ता संकेत
ट्रंप से अलग नहीं होगी कश्मीर पर बाइडन की नीति। फाइल फोटो।

नई दिल्ली, ब्यूरो। अमेरिका में सत्ता परिवर्तन के साथ ही यह सवाल उठ रहा था कि क्या कश्मीर को लेकर जो बाइडन प्रशासन की नीति पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जैसी होगी अथवा नहीं। अब बाइडन प्रशासन ने इस बात के पुख्ता संकेत दिए हैं कि अमेरिका जम्मू-कश्मीर को लेकर जारी अपनी नीति में परिवर्तन नहीं करने जा रहा है। हां, बाइडन प्रशासन ट्रंप के मुकाबले भारत और पाकिस्तान के बीच शांति वार्ता शुरू कराने को लेकर ज्यादा मुखर दिखता है। हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए संघषर्ष विराम के पीछे भी कई लोग बाइडन प्रशासन की इसी सोच को बताते हैं।

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अमेरिका के लिए भारत और पाकिस्तान दोनों अहम

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने बुधवार को स्पष्ट किया कि जम्मू और कश्मीर को लेकर अमेरिकी नीति में कोई बदलाव नहीं आया है। जम्मू और कश्मीर में भारत द्वारा लोकतांत्रिक मूल्यों के तहत आर्थिक व राजनीतिक हालात को पूरी तरह से सामान्य बनाने का हम स्वागत करते हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अमेरिका के लिए भारत और पाकिस्तान दोनों के साथ रिश्तों की अपनी अहमियत है। हम दोनों देशों के साथ सकारात्मक और रचनात्मक रिश्ते रख सकते हैं। कश्मीर को लेकर हम भारत और पाकिस्तान के बीच सीधी बातचीत के पक्षधर हैं।

हिद प्रशांत क्षेत्र में अमेरिकी नीति में बदलाव नहीं

आगे उन्होंने भारत के रणनीतिक महत्व को रेखांकित किया और कहा कि वैश्विक परिप्रेक्ष्य में भारत और अमेरिका के बीच एक विस्तृत रणनीतिक संबंध हैं जबकि पाकिस्तान के साथ भी हमारे साझा हित हैं, जिसके बारे में हम आगे काम करते रहेंगे। वैसे देखा जाए तो सिर्फ कश्मीर ही नहीं बल्कि भारत के साथ समग्र आर्थिक और रणनीतिक रिश्तों के मद्देनजर जो बाइडन प्रशासन का रवैया पूरी तरह से पूर्ववर्ती ट्रंप प्रशासन की नीतियों को ही आगे बढ़ाने वाला दिखता है। पहले हिद प्रशांत महासागर को लेकर अमेरिकी नीति में भी बदलाव की संभावना जताई जा रही थी, लेकिन पिछले एक महीने में अमेरिका ने इस बारे में स्पष्ट कर दिया है कि समूचे हिद प्रशांत क्षेत्र में चीन की चुनौतियों से निपटने में उसकी रणनीति में कोई बदलाव नहीं आने जा रहा है और इस सिलसिले में भारत उसका अहम सहयोगी बना रहेगा।

राष्ट्रीय सुरक्षा को दिशा देने वाले मानक का एलान

बुधवार को भी अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने जापान, आस्ट्रेलिया और भारत के साथ क्वाड देशों के संगठन को लेकर अपनी प्रतिबद्धता जताई। बुधवार को बाइडन सरकार की तरफ से अमेरिका की नेशनल सिक्यूरिटी स्ट्रेटजिक गाइडेंस (राष्ट्रीय सुरक्षा को दिशा देने वाले मानक) का एलान किया है जिसमें भारत के साथ रिश्तों को और मजबूत बनाने की बात कही गई है। इस प्रपत्र में भारत, वियतनाम, सिगापुर और न्यूजीलैंड का जिक्र सहयोगी देश के तौर पर किया गया है, जबकि चीन और रूस को भावी चुनौतियों के तौर पर पेश किया गया है।


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