Move to Jagran APP

व्यापम से जुड़ सकते विंग कमांडर के तार, अमित शाह बनकर मप्र के राज्यपाल को किया था फोन

गृह मंत्री अमित शाह बनकर अपने राज्यपाल टंडन को सिफारिशी फोन करने वाले गिरफ्तार विंग कमांडर वाघेला का व्यापम घोटाले से तार जुड़ सकते हैं।

By TaniskEdited By: Published: Sun, 12 Jan 2020 11:36 AM (IST)Updated: Sun, 12 Jan 2020 11:36 AM (IST)
व्यापम से जुड़ सकते विंग कमांडर के तार, अमित शाह बनकर मप्र के राज्यपाल को किया था फोन
व्यापम से जुड़ सकते विंग कमांडर के तार, अमित शाह बनकर मप्र के राज्यपाल को किया था फोन

भोपाल, जेएनएन। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बनकर राज्यपाल लालजी टंडन को सिफारिशी फोन करने वाले विंग कमांडर कुलदीप वाघेला के तार मप्र के चर्चित व्यापम घोटाले से जुड़ सकते हैं। वाघेला व्यापम घोटाले के समय राजभवन में पदस्थ था और तत्कालीन राज्यपाल स्व. रामनरेश यादव के बेटे शैलेष यादव का नाम भी घोटाले से जुड़ा था। वाघेला व कुलपति बनने के इच्छुक डॉ. चंद्रेश शुक्ला को गिरफ्तार करने के बाद अब मप्र एसटीएफ राजभवन में फोन अटेंड करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के बयान दर्ज कर रही है। इससे दोनों आरोपितों के फर्जीवाड़े की पुष्टि हो सकेगी।

loksabha election banner

ज्ञात हो कि वाघेला ने अपने मित्र डॉ. चंद्रेश कुमार शुक्ला को जबलपुर स्थित मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय का कुलपति बनाने की चाह में राज्यपाल टंडन को अमित शाह बनकर फोन किया था। उसके बातचीत के अंदाज से शंका होने पर राज्यपाल ने मामले की जांच का आदेश दिया और एसटीएफ ने वाघेला व शुक्ला दोनों को गिरफ्तार कर लिया। 

वर्ष 2013 में उजागर हुआ था व्यापम घोटाला 

दैनिक जागरण के सहयोगी अखबार नई दुनिया के अनुसार राज्यपाल का एडीसी था वाघेला वर्ष 2013 में मध्य प्रदेश में बहुचर्चित व्यापम घोटाला उजागर हुआ था। उसी दौरान राजभवन में राज्यपाल के एडीसी के रूप में कुलदीप वाघेला की पदस्थापना भी थी। घोटाले में तत्कालीन राज्यपाल यादव के बेटे शैलेष की वजह से राजभवन के तार जुड़े थे। उसी दरमियान कुलदीप और डॉ. चंद्रेश कुमार शुक्ला के बीच मित्रता हुई थी। सूत्रों के मुताबिक एसटीएफ कुलदीप व डॉ. चंद्रेश की व्यापम घोटाले में भूमिका को लेकर भी जांच कर रही है।

कुलदीप वाघेला व चंद्रेश कुमार की भूमिका का पता लगाने का प्रयास जारी

एसटीएफ द्वारा निकाले गए शैलेष यादव के उस समय के कॉल रिकॉर्ड और अन्य साक्ष्यों से कुलदीप वाघेला व चंद्रेश कुमार की भूमिका का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है। एसटीएफ अधिकारियों का कहना है कि कुलदीप व चंद्रेश के छह साल पुराने कॉल रिकॉर्ड हासिल करने में दिक्कत हो रही है। एसटीएफ ने दर्ज किए बयान शनिवार को एसटीएफ ने शनिवार को चंद्रेश तथा वाघेला की बातचीत को लेकर राजभवन के टेलीफोन ऑपरेटर व अधिकारियों के बयान दर्ज किए।

राज्यपाल के टेलीफोन लाइन पर आने के पहले चंद्रेश कुमार की बातचीत की पुष्टि

बयानों में राज्यपाल के टेलीफोन लाइन पर आने के पहले चंद्रेश कुमार की बातचीत की पुष्टि की गई। इसके साथ ही एसटीएफ द्वारा जबलपुर की मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति की चयन प्रक्रिया संबंधी दस्तावेजों का भी परीक्षण किया जा रहा है, जिसमें चंद्रेश कुमार के आवेदन, साक्षात्कार आदि रिकॉर्ड शामिल हैं। 

अधिकारियों-कर्मचारियों के बयान भी दर्ज किए जा रहे

एसटीएफ, एसपी राजेश सिंह भदौरिया ने कहा, 'अमित शाह के तौर पर राज्यपाल से फोन पर वाघेला की बात कराने वाले टेलीफोन अटैंडेंट व अन्य अधिकारियों-कर्मचारियों के बयान भी दर्ज किए जा रहे हैं। साथ ही कुलपति चयन प्रक्रिया के दस्तावेजों का परीक्षण किया जा रहा है।'

यह भी पढ़ें: एयरफोर्स के विंग कमांडर ने की अमित शाह बनकर MP के राज्यपाल से बात, जानें क्‍या था पूरा गड़बड़झाला


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.