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भारतीय मजदूर संघ और स्वदेशी जागरण मंच का सरकार से एफडीआइ और विनिवेश पर पुनर्विचार करने का आग्रह

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े भारतीय मजदूर संघ और स्वदेशी जागरण मंच ने मोदी सरकार के आम बजट पर अपना एतराज जताया है। इन दोनों संगठनों ने सरकार से अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए मूलभूत स्रोतों को बड़ी रकम दिए जाने की सराहना की है।

By Arun kumar SinghEdited By: Published: Tue, 02 Feb 2021 07:27 PM (IST)Updated: Tue, 02 Feb 2021 07:27 PM (IST)
भारतीय मजदूर संघ और स्वदेशी जागरण मंच का सरकार से एफडीआइ और विनिवेश पर पुनर्विचार करने का आग्रह
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े भारतीय मजदूर संघ और स्वदेशी जागरण मंच

 नई दिल्ली, आइएएनएस। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े भारतीय मजदूर संघ और स्वदेशी जागरण मंच ने मोदी सरकार के आम बजट पर अपना एतराज जताया है। इन दोनों संगठनों ने सरकार से अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए मूलभूत स्रोतों को बड़ी रकम दिए जाने की सराहना की है। लेकिन उन्होंने कुछ सरकारी कंपनियों के निजीकरण, विनिवेश और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) लाने के सरकार के फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा है। संघ के इन संगठनों ने सरकार से अपने इस फैसले पर मंथन करने को कहा है।

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आम बजट पर अपना एतराज जताया

भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) के महासचिव विनय कुमार सिन्हा ने कहा कि दो सरकारी बैंकों और एक बीमा कंपनी के विनिवेश के फैसले से 'आत्मनिर्भर भारत' जैसी योजनाओं का आकर्षण कम होगा। चेन्नई में 12 से 14 फरवरी के बीच होने वाली राष्ट्रीय कार्यकारिणी परिषद की बैठक में बीएमएस यह फैसला लेगा कि केंद्र सरकार के बजट को लेकर क्या रणनीति रखनी है। बीएमएस का कहना है कि पश्चिम बंगाल और असम के चाय बागान के प्रवासी मजदूरों के लिए विशेष योजनाओं से लाभ होगा। उन्होंने कहा कि इससे कर्मचारियों के हित प्रभावित होंगे। 

एफडीआइ की सीमा 74 फीसद तक बढ़ाने को लेकर भी बीमा कानूनों में संशोधन की दरकार है। इसी तरह स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) के राष्ट्रीय सह-संयोजक अश्विनी महाजन ने कहा कि बीपीसीएल, एयर इंडिया, शिपिंग कारपोरेशन ऑफ इंडिया, पवन हंस लिमिटेड, बीईएमएल और सरकारी कंपनियों के विनिवेश का फैसला लिया गया है। इसके अलावा सरकारी बैंकों और बीमा कंपनी का भी निजीकरण करने की घोषणा की गई है। एफडीआइ बढ़ने से बीमा और आर्थिक क्षेत्र में विदेशी दखल बढ़ेगा।


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