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कृषि कानूनों के खिलाफ बंद को नहीं मिला जनसमर्थन लेकिन रेल और बस सेवाएं हुईं प्रभावित, लोग हुए परेशान

कृषि सुधार कानूनों के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा का शुक्रवार को भारत बंद लगभग बेअसर रहा। पंजाब और हरियाणा में इसे थोड़ा बहुत समर्थन मिला। कई जगहों पर प्रदर्शनकारी रेल ट्रैक पर आ गए जिससे कुछ ट्रेनें रद कर दी गईं और कई को रूट बदलकर चलाया गया।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Fri, 26 Mar 2021 09:34 PM (IST)Updated: Sat, 27 Mar 2021 12:42 AM (IST)
कृषि कानूनों के खिलाफ बंद को नहीं मिला जनसमर्थन लेकिन रेल और बस सेवाएं हुईं प्रभावित, लोग हुए परेशान
कृषि सुधार कानूनों के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा का शुक्रवार को भारत बंद लगभग बेअसर रहा।

नई दिल्ली, जेएनएन। कृषि सुधार कानूनों के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा का शुक्रवार को भारत बंद लगभग बेअसर रहा। पंजाब और हरियाणा में इसे थोड़ा बहुत समर्थन मिला। कई जगहों पर प्रदर्शनकारी रेल ट्रैक पर आ गए, जिससे कुछ ट्रेनें रद कर दी गईं और कई को रूट बदलकर चलाया गया। बस सेवाएं भी बाधित होने से लोगों को भारी परेशानी हुई। कुछ जगहों पर प्रदर्शनकारियों ने उत्पात भी मचाया। सोनीपत जीटी रोड पर मुरथल के पास ड्यूटी मजिस्ट्रेट को ट्रैक्टर से कुचलने की कोशिश की गई।

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पंजाब में मुख्य बाजार रहे बंद

पंजाब के ज्यादातर जिलों में मुख्य बाजार बंद रहे लेकिन दूध व सब्जी आदि की सप्लाई पर असर नहीं पड़ा। किसानों ने शुक्रवार सुबह छह बजे से शाम छह बजे तक राष्ट्रीय व राजमार्ग पर यातायात रोके रखा। हालांकि, शहरों के अंदर और संपर्क मार्गो पर वाहन सामान्य रूप से चलते रहे। किसान संगठनों ने एंबुलेंस व सेना के वाहनों को नहीं रोकने की अपील की थी। इसके बावजूद फतेहगढ़ साहिब और पठानकोट के माधोपुर में एक घंटे तक सेना के वाहन रोके गए।

अमृतसर एवं कालका शताब्दी समेत दस ट्रेनें रद

पंजाब व हरियाणा में ट्रैक पर प्रदर्शन की वजह से ट्रेनों की आवाजाही रोकनी पड़ी। अमृतसर शताब्दी व कालका शताब्दी सहित दस ट्रेनें निरस्त करनी पड़ीं और 37 ट्रेनें अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच सकीं। दिल्ली सराय रोहिल्ला-बीकानेर एक्सप्रेस सहित चार ट्रेनों के मार्ग में बदलाव करना पड़ा, जिससे उन्हें गंतव्य तक पहुंचने में देरी हुई। इसी तरह कई ट्रेनें अलग-अलग रेलवे स्टेशनों पर घंटों खड़ी रहीं।

इधर-उधर भटकते रहे लोग

होली पर घर जाने की तैयारी कर स्टेशनों पर पहुंचे लोग इधर-उधर भटकते रहे। उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार ने कहा कि पंजाब व हरियाणा में 31 स्थानों पर किसान ट्रैक के पास धरना दे रहे हैं। इस वजह से रेल परिचालन बाधित हुआ है। कुछ ट्रेनों को पूरी तरह से तो कुछ को आंशिक तौर पर निरस्त करना पड़ा है।

लंगर से रेल यात्रियों को मिली राहत

गुरुद्वारों ने लंगर की सेवा प्रदान की गुरुद्वारों से आए लंगर से रेल यात्रियों को थोड़ी राहत मिली। अंबाला रेल मंडल के सरहिंद, खन्ना, बराड़ा आदि स्टेशनों पर यात्रियों को लंगर की सुविधा प्रदान की गई। बरनाला के तपा में किसानों ने इंटरसिटी ट्रेन रोक दी। इसमें 400 यात्री काफी देर तक फंसे रहे। इन यात्रियों के लिए गद्दे व बिस्तर बिछाए थे। उनके खाने-पीने की व्यवस्था भी की गई थी।

12 घंटे बंद रहे केएमपी-केजीपी

केएमपी-केजीपी एक्सप्रेस-वे सुबह छह बजे से शाम छह बजे तक 12 घंटे बंद रहे। सुबह ही आंदोलनकारी दोनों हाईवे के जीरो प्वाइंट पर धरना देकर बैठ गए थे। राष्ट्रीय राजमार्ग-334बी पर झरोठी मोड़ पर बने टोल प्लाजा पर, रोहतक-पानीपत हाईवे, रोहतक-सोनीपत समेत जिलेभर में दो दर्जन जगहों पर संपर्क मार्गों पर जाम लगाया गया।

सोनीपत में ड्यूटी मजिस्ट्रेट को ट्रैक्टर से कुचलने का प्रयास

प्रदर्शनकारियों ने कई जगह जमकर उत्पात मचाया। जीटी रोड पर मुरथल के पास मान ढाबे के सामने खड़े ड्यूटी मजिस्ट्रेट को ट्रैक्टर चालक मुरथल निवासी रविंद्र ने कुचलने का प्रयास किया। उसने ड्यूटी मजिस्ट्रेट की सरकारी गाड़ी को टक्कर मार दी। ड्यूटी मजिस्ट्रेट ने एक तरफ कूदकर जान बचाई। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर ली है। केएमपी के नजदीक गांव प्रीतमपुरा के सामने जीटी रोड पर बैठे प्रदर्शनकारियों ने कई लोगों पर डंडे से हमला किया और चाचा-भतीजे का सिर फोड़ दिया। युवक अंसल प्लाजा में जिम के बाद अपने गांव प्रीतमपुरा जा रहे थे। परीक्षा देने जा रहे छात्रों और जरूरी काम से जा रहे लोगों को भी नहीं निकलने दिया गया।


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