भय्यू महाराज की पत्नी और बेटी आईं साथ, ब्लैकमेलिंग मामले पर दिया बड़ा बयान
भय्यू महाराज आत्महत्या केस में पहली बार आयुषी और कुहू सामने आईं, डीआइजी से की मांग- ड्राइवर का कोर्ट में दर्ज हो बयान
इंदौर, नईदुनिया। आध्यात्मिक संत भय्यू महाराज आत्महत्या केस में पहली बार पत्नी और बेटी खुलकर सामने आई हैं। उन्होंने डीआइजी को शिकायत कर संदेही सेवादार और अन्य पर कार्रवाई की मांग की है। दोनों ने उस ड्राइवर के कोर्ट में धारा 164 के तहत बयान दर्ज करने की मांग की है, जो एक युवती और दो सेवादारों पर ब्लैकमेलिंग का आरोप लगा रहा है। डीआइजी ने संदेहियों को पकड़ने के आदेश दिए हैं।
'गृह कलह के कारण नहीं की भय्यू महाराज ने आत्महत्या'
गौरतलब है कि भय्यू महाराज (उदयसिंह देशमुख) ने गत 12 जून को घर में लाइसेंसी रिवॉल्वर से गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। रविवार को उनकी पत्नी डॉ.आयुषी व बेटी कुहू डीआइजी हरिनारायणचारी मिश्र के पास पहुंचीं। दोनों ने कहा कि महाराज ने गृह कलह के कारण आत्महत्या नहीं की थी। उन्हें करोड़ों रुपये, फ्लैट और गाड़ी के लिए ब्लैकमेल किया जा रहा था, इसकी जांच होनी चाहिए। एमआइजी थाना पुलिस की हिरासत में बंद पूर्व ड्राइवर कैलाश पाटिल उर्फ भाऊ को षड्यंत्र की पूरी जानकारी है। उसने सेवादार विनायक, शरद देशमुख और युवती द्वारा रची साजिश के बारे में भी बयान दिए हैं। कैलाश द्वारा दिए बयान कोर्ट के समक्ष धारा 164 में दर्ज करवाना चाहिए।
आखिर धारा 164 के तहत बयान दर्ज करने की मांग क्यों?
गौरतलब है कि पुलिस के सामने दिए बयान से लोग अक्सर कोर्ट में मुकर जाते हैं, जबकि धारा 164 में कोर्ट के समक्ष दिए बयान से मुकरना आसान नहीं होता। बयान बदलने पर सजा हो सकती है। डीआइजी के मुताबिक, सीएसपी को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। सीएसपी ने संदेहियों को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए तलब करना शुरू कर दिया है।
राज दबाने के लिए सुनाई 'कलह कथा'
भय्यू महाराज की मौत के बाद सेवादार व परिचितों ने साजिश के तहत यह खबर उड़ाई कि महाराज पत्नी और बेटी के बीच चल रही लड़ाई में उलझ गए थे। दोनों एक-दूसरे पर प्रताड़ना का आरोप लगा रही हैं। उन्होंने इसी तनाव में आत्महत्या की है। यह पहला मौका है जब पत्नी और बेटी एकजुट हुई और दोषियों पर कार्रवाई की मांग कर शिकायत दर्ज करवाई।
चुपके से महाराज की पत्नी को कार दे गया भाजयुमो नेता
भय्यू महाराज के ट्रस्ट के नाम रजिस्टर्ड कार को भाजयुमो नेता मयूरेश पिंगले ने सोमवार शाम उनकी पत्नी डॉ.आयुषी को लौटा दिया। कार्रवाई के डर से वह चुपके से घर पहुंचा और चाबी देकर लौट गया। इस मामले के सामने आने के बाद खुद परिवहन आयुक्त ने जांच बैठाई है। पिंगले पर आरोप है कि उसने महाराज की मौत के 10 दिन बाद कार को गलत तरीके से खुद की कंपनी के नाम ट्रांसफर करवा लिया था। पिंगले ने आरटीओ में प्रस्तुत किए दस्तावेजों में भी हेराफेरी की थी।
ब्लैकमेलिंग में खास सेवादार थे शामिल
पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार कैलाश पाटिल उर्फ भाऊ (ड्राइवर) ने बताया कि महाराज की मौत सामान्य आत्महत्या नहीं, बल्कि उन्हें गोली मारने के लिए मजबूर किया गया था। इसमें मुख्य किरदार फूटी कोठी क्षेत्र में रहने वाली युवती थी, जो महाराज की देखभाल करने के लिए लगी थी। उसने महाराज से प्रेम संबंध स्थापित कर अश्लील वीडियो बना लिया था। डॉ. आयुषी से शादी के बाद इस लड़की का आना-जाना बंद हो गया। उसने वीडियो सार्वजनिक करने की धमकी दी और महाराज से हर महीने डेढ़ लाख रुपये लेने शुरू कर दिए। ब्लैकमेलिंग में खास सेवादार विनायक दुधाले और शेखर भी शामिल थे। विनायक ही लड़की को रुपये देने जाता था। कई बार उसके फोन से ही बातचीत होती थी। पुलिस विनायक और शेखर की तलाश में जुट गई है।
जानकारी मिली है कि वह महाराष्ट्र में छुपा है और उसने एक क्रिश्चियन युवती से शादी कर ली है। जांच में शामिल एक अधिकारी के मुताबिक, ब्लैकमेल करने वाली लड़की के गोपनीय नंबर मिले हैं। उसकी कॉल डिटेल निकाली जा रही है।