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पश्चिम बंगाल सरकार पर SC सख्‍त, डीजीपी की नियुक्ति में UPSC की भूमिका नहीं होनी चाहिए, कहा, यह प्रक्रिया का दुरुपयोग

प्रदेश सरकार को फटकार लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह प्रक्रिया का दुरुपयोग है।सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस सुधार के बारे में प्रकाश ¨सह के फैसले में आदेश दिया था कि राज्य सरकारें यूपीएससी द्वारा तैयार किए गए तीन सबसे वरिष्ठ अधिकारियों के पैनल से डीजीपी की नियुक्ति करेंगी।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Fri, 03 Sep 2021 09:24 PM (IST)Updated: Fri, 03 Sep 2021 09:32 PM (IST)
पश्चिम बंगाल सरकार पर SC सख्‍त, डीजीपी की नियुक्ति में UPSC की भूमिका नहीं होनी चाहिए, कहा, यह प्रक्रिया का दुरुपयोग
एक जैसी अर्जी बार-बार दाखिल करने पर बंगाल को फटकार।

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। सुप्रीम कोर्ट ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) से परामर्श के बगैर पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) नियुक्त करने की इजाजत मांगने वाली बंगाल सरकार की अर्जी खारिज कर दी है। इसके साथ ही कोर्ट ने एक जैसी अर्जी बार-बार दाखिल करने पर प्रदेश सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि यह प्रक्रिया का दुरुपयोग है। सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस सुधार के बारे में प्रकाश सिंह के फैसले में आदेश दिया था कि राज्य सरकारें यूपीएससी द्वारा तैयार किए गए तीन सबसे वरिष्ठ अधिकारियों के पैनल से डीजीपी की नियुक्ति करेंगी।

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जस्टिस एल. नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने शुक्रवार को हालांकि बंगाल सरकार को प्रकाश सिंह के फैसले के अनुपालन पर चल रही सुनवाई में पक्षकार बनने की इजाजत दे दी। सुप्रीम कोर्ट ने प्रकाश सिंहके फैसले में पुलिस सुधार पर बहुत सारे निर्देश जारी किए थे। आजकल कोर्ट में अर्जी लंबित है जिसमें फैसले का पूरी तरह अनुपालन कराने की मांग की गई है।शुक्रवार को सुनवाई के दौरान पीठ ने बंगाल सरकार की अर्जी देखकर कहा कि इसमें उठाया गया मुद्दा बिल्कुल वही है जो उसने इससे पहले दाखिल अर्जी में उठाया था। उसमें भी कहा गया था कि डीजीपी की नियुक्ति में यूपीएससी की भूमिका नहीं होनी चाहिए।

पीठ ने कहा कि जब प्रकाश ¨सह केस के मुख्य मामले में सुनवाई हो तब राज्य सरकार ये मुद्दा उठा सकती है, लेकिन इस तरह अर्जी दाखिल करने की इजाजत नहीं दी जा सकती। यह प्रक्रिया का दुरुपयोग है। कोर्ट इन अर्जियों पर इतना वक्त क्यों बर्बाद करे। अगर राज्य खुद ऐसी अर्जियां दाखिल करने लगेंगे तो कोर्ट के लिए अन्य मुकदमें सुनने का समय निकालना मुश्किल हो जाएगा। पीठ ने बंगाल की ओर से पेश वकील सिद्धार्थ लूथरा से कहा कि आप खुद आकर कहते हैं कि जमानत अर्जियों और आपराधिक अपीलों पर सुनवाई नहीं हो रही।तभी प्रकाश ¨सह के केस का जिक्र करते हुए वकील प्रशांत भूषण ने मामले पर जल्द सुनवाई की मांग की।

भूषण ने कहा कि दुर्भाग्य की बात है कि ज्यादातर राज्यों ने प्रकाश ¨सह के फैसले में दिए गए निर्देशों का पालन नहीं किया है। इस पर पीठ ने कहा कि जिस मामले पर कई वर्षो से सुनवाई नहीं हुई उस पर अक्टूबर में सुनवाई की जाएगी। कोर्ट ने मुख्य मामले को 20 अक्टूबर को सुनवाई के लिए लगाने का आदेश दिया। बंगाल सरकार ने डीजीपी की नियुक्ति के मामले में राज्य सरकार की स्वायत्तता की मांग करते हुए अर्जी में कहा था कि इस मामले में यूपीएससी को विशेषज्ञता नहीं है और यूपीएससी को इसमें शामिल करना संघीय व्यवस्था के भी अनुकूल नहीं है। प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से प्रकाश ¨सह मामले में 2018 में दिए गए आदेश में संशोधन करने की मांग की थी।--


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