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बंगाल फिर हुआ दीदी का, जनता ने भर दी तृणमूल की झोली

माकपा-कांग्रेस के कई दिग्गज ममता की हवा में ऐसे प्रतिद्वंद्वियों के हाथों उड़ गए, जिनकी राजनीतिक पृष्ठभूमि कुछ अधिक नहीं रही है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Thu, 19 May 2016 07:41 PM (IST)Updated: Thu, 19 May 2016 07:52 PM (IST)
बंगाल फिर हुआ दीदी का, जनता ने भर दी तृणमूल की झोली

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। सारधा घोटाला, नारदा स्टिंग ऑपरेशन और बड़ाबाजार में विवेकानंद फ्लाईओवर हादसा और कई अन्य झंझावात से जूझते हुए ममता बनर्जी को अंतत: बड़ी जीत हासिल हुई। इस तरह एक बार फिर बंगाल अब ममता का हुआ। सूबे पर 34 साल तक एकछत्र राज करने वाले वाममोर्चा को दूसरी बार भी करारी हार का सामना करना पड़ा। कयासों, अशंकाओं के बीच ममता की आंधी ऐसी चली कि माकपा राज्य सचिव व विधानसभा में विपक्ष के नेता सूर्यकांत मिश्रा भी अपनी सीट नहीं बचा पाए। माकपा-कांग्रेस के कई दिग्गज ममता की हवा में ऐसे प्रतिद्वंद्वियों के हाथों उड़ गए, जिनकी राजनीतिक पृष्ठभूमि कुछ अधिक नहीं रही है। तृणमूल कांग्रेस को अकेले इतनी सीटें मिली हैं, जिसकी उम्मीद शायद ही तृणमूल नेता को भी नहीं होगी।

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तृणमूल को 203 जीत चुकी है और आठ सीटों पर आगे। कांग्रेस 36 सीटें जीत चुकी है और आठ पर आगे चल रही है। माकपा 25 जीत चुकी है। वाममोर्चा ने विधानसभा में विरोधी दल का ओहदा भी खो दिया और कांग्रेस 1996 के बाद पहली बार विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल के रूप में उभर कर सामने आई है।

भारतीय जनता पार्टी पहली बार बंगाल विधानसभा चुनाव में दो सीटें जीत कर खाता खोला है और एक सीट पर बढ़त बनाए हुए हैं। अब तक दो बार विधानसभा उपचुनाव में ही भाजपा जीती थी। तीन सीटें पर गोरखा जनमुक्ति मोर्चा व एक सीट पर निर्दल प्रत्याशी सफल हुए हैं। जदयू, राष्ट्रीय जनता दल, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाजवादी पार्टी और लोक जनशक्ति पार्टी का खाता भी नहीं खुला।

कहीं खुशी-कहीं गम

सुबह जैसे ही मतगणना की रूझान आनी शुरू हुई वैसे ही तृणमूल खेमे में खुशी की लहर दौड़ गई। तृणमूल समर्थक बड़े पैमाने पर घरों से निकल हाथों में हरे रंग का अबीर व गुलाल लिए एक दूसरे को लगाते ममता बनर्जी जिंदाबाद कहते हुए पार्टी प्रमुख के आवास कालीघाट की ओर बढ़ने लगे। वहां पहुंचकर खूब जश्न मनाया। दोपहर करीब 12 बजे जीत खुश अपने आवास से ममता बाहर निकली और जनता का अभिवादन स्वीकार करते हुए कहा कि यह जनता की जीत है और 27 को शपथ लेंगी।

उससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी ममता को टेलीफोन पर बधाई दी। दूसरी ओर माकपा दफ्तर सुनसान पड़ा था। करीब 11 बजे वामो चेयरमैन विमान बोस, माकपा सचिव सूर्यकांत मिश्रा समेत अन्य नेता दफ्तर पहुंचे। वैसे, पूर्ण परिणाम आने से पहले ही सूर्यकांत मिश्रा व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अधीर चौधरी ने संवाददाता सम्मेलन कर जनता को धन्यवाद किया और हार की वजहों को तलाशने की बात कही। राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी ने भी ममता को बधाई दी।

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