नए कृषि कानून का लाभ मध्य प्रदेश में मिलना जारी, अब बालाघाट में दर्ज हुआ केस
एसडीएम ने बताया कि किसानों ने बकाया भुगतान के लिए आवेदन-पत्र कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्ग और सरलीकरण) अधिनियम-2020 के तहत दिया था। राइस मिल संचालक को मंगलवार को उपस्थित होकर जवाब प्रस्तुत करने के लिए आदेशित किया गया है।
भोपाल, जेएनएन। नए केंद्रीय कृषि कानूनों को लेकर मचाए जा रहे शोर के बीच किसान हितैषी इन कानूनों की वास्तविक तस्वीर मध्य प्रदेश में लगातार सामने आ रही है। सोमवार को बालाघाट जिले के राइस मिल संचालक के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया गया। मिल संचालक किसानों के बकाया का भुगतान नहीं कर रहा था। मिल संचालक को उपस्थित होकर जवाब देने के लिए कहा गया है। ऐसा नहीं होने पर किसानों के हित में एक पक्षीय कार्रवाई कर दी जाएगी। गौरतलब है कि इससे पहले होशंगाबाद जिले के पिपरिया में एक निजी कंपनी को अनुबंध के मुताबिक धान खरीदने के निर्देश दिए जा चुके हैं।
बालाघाट जिले के लांजी क्षेत्र के आठ किसानों ने राइस मिल संचालक अतुल आसटकर के विरुद्ध चार लाख 22 हजार 803 रुपये का बकाया भुगतान नहीं करने की शिकायत स्थानीय एसडीएम से की थी। एसडीएम की कोर्ट में प्रकरण पंजीबद्ध कर लिया गया है। एसडीएम ने बताया कि किसानों ने बकाया भुगतान के लिए आवेदन-पत्र कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्ग और सरलीकरण) अधिनियम-2020 के तहत दिया था। राइस मिल संचालक को मंगलवार को उपस्थित होकर जवाब प्रस्तुत करने के लिए आदेशित किया गया है।
अखबारों में प्रकाशित खबरों पर लिया था संज्ञान
इस मामले में किसानों की समस्या की खबर अखबारों में प्रकाशित हुई थी। इस पर मुख्यमंत्री कार्यालय ने संज्ञान लेते हुए कार्रवाई के निर्देश दिए थे। उधर, एसडीएम ने एक दिन पहले कहा था कि अधिनियम के तहत सुलह बोर्ड का गठन किया जाएगा, जिसमें तहसीलदार, अनुविभागीय अधिकारी कृषि, किसान व राइस मिल के प्रतिनिधि शामिल होंगे। यदि सुलह बोर्ड से प्रकरण का निपटारा नहीं हुआ तो राइस मिल संचालक से बकाया राशि की वसूली की जाएगी।
मध्य प्रदेस के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि लांजी का प्रकरण प्रशासन द्वारा मेरे संज्ञान में लाया गया है। 15 दिसंबर को मिल संचालक अतुल आसटकर को खुद उपस्थित होकर एसडीएम को जवाब देना है, अन्यथा वसूली की कार्रवाई होगी।