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Coronavirus Vaccine: कोरोना वायरस के अंत की शुरुआत, दो वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल सुखद संकेत : वेंकटेश्वरन

Coronavirus Vaccine डीजीसीआइ ने भारत बायोटेक की कोवाक्सिन और जायडस कैडिला की जायकोव-डी वैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल की मंजूरी दी है।

By Manish PandeyEdited By: Published: Mon, 06 Jul 2020 07:44 AM (IST)Updated: Mon, 06 Jul 2020 11:39 PM (IST)
Coronavirus Vaccine: कोरोना वायरस के अंत की शुरुआत, दो वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल सुखद संकेत : वेंकटेश्वरन
Coronavirus Vaccine: कोरोना वायरस के अंत की शुरुआत, दो वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल सुखद संकेत : वेंकटेश्वरन

नई दिल्ली, एजेंसियां। विज्ञान एवं तकनीक मंत्रालय से जुड़े एक विज्ञानी ने अपने लेख में कहा है कि देश में दो वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल कोरोना के खिलाफ लड़ाई में सुखद संकेत है। विज्ञानी का तो यह भी कहना है कि यह ट्रायल कोरोना वायरस के अंत की शुरुआत है। भारतीय दवा महानियंत्रक (डीजीसीआइ) ने भारत बायोटेक की कोवाक्सिन और जायडस कैडिला की जायकोव-डी वैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल की मंजूरी दी है।

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यह लेख पत्र सूचना कार्यालय (पीआइबी) और मंत्रालय की संस्था विज्ञान प्रसार की वेबसाइट पर प्रकाशित हुआ है। विज्ञान प्रसार के विज्ञानी टीवी वेंकटेश्वरन ने यह लेख लिखा है। पीआइबी की वेबसाइट पर प्रकाशित लेख में वैक्सीन के आने को लेकर कोई समय सीमा नहीं दी गई है। जबकि विज्ञान प्रसार की वेबसाइट पर प्रकाशित लेख में कहा गया है कि वैक्सीन व्यापक पैमाने पर उपयोग के लिए 15 से 18 महीने के पहले उपलब्ध नहीं होगी।

वेंकटेश्वरन ने कहा है कि ये दोनों वैक्सीन घने बादलों के बीच चमकीली लकीर यानी उम्मीद की एक किरण की तरह हैं। इसमें कहा गया है कि वैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल के लिए डीजीसीआइ ने कोई समय सीमा तय नहीं की है, लेकिन यह कोरोना के अंत की शुरुआत का प्रतीक है।

लेख में कहा गया है कि दुनियाभर में 140 वैक्सीन पर रिसर्च चल रहा है। इनमें से इन दो वैक्सीन को मिलाकर 11 वैक्सीन ह्यूमन ट्रायल के चरण में पहुंच गई हैं, यानी 11 वैक्सीन का कहीं न कहीं इंसानों पर परीक्षण किया जा रहा है। इनमें भारत बायोटेक और जायडस कैडिला के अलावा और चार भारतीय कंपनियां भी शामिल हैं।

वैक्सीन बनाने की भारत की क्षमता को लेकर लग रही अटकलों को दूर करते हुए कहा गया है कि भारत वैक्सीन निर्माण का एक प्रमुख केंद्र है। भारत संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) को 60 फीसद वैक्सीन की आपूर्ति करता है।

विज्ञानी ने कहा कि चाहे कोई भी देश पहले कोविड वैक्सीन बना ले, व्यापक पैमाने पर उसके निर्माण के लिए उसे भारत पर निर्भर होना ही होगा। वैक्सीन निर्माण में भारत की अहमियत को रेखांकित करते हुए लेख में कहा गया है कि अभी तक ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और अमेरिका की एक कंपनी वैक्सीन बनाने की रेस में सबसे आगे चल रही हैं। इन दोनों ही कंपनियों ने बड़े पैमाने पर वैक्सीन बनाने के लिए भारतीय कंपनियों के साथ करार किया है।

गौरतलब है कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) ने दो जुलाई को कहा था कि 15 अगस्त तक कोरोना की वैक्सीन लांच हो जाएगी। आइसीएमआर के प्रमुख डॉ. बलराम भार्गव ने उन 12 संस्थानों को पत्र भी लिखा था, जहां भारत बायोटेक की वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल होना है और उनसे 15 अगस्त तक यह काम पूरा कर लेने के लिए कहा था। हालांकि, बाद में उसे इसको लेकर सफाई भी देनी पड़ी और संस्था ने कहा कि उसने कार्य में तेजी लाने की बात कही थी।


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