गोदरेज बोले, बीफ बैन और शराबबंदी से अर्थव्यवस्था को हो रहा है नुकसान
मशहूर उद्योगपति और गोदरेज समूह के अध्यक्ष आदि गोदरेज ने कहा है कि बीफ बैन और शराबबंदी से अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।
नई दिल्ली। मशहूर उद्योगपति और 4.1 मिलियन डॉलर की कीमत वाले आदि गोदरेज समूह के चैयरमैन आदि गोदरेज ने कहा है कि देश में बीफ बैन और शराबबंदी के चलते अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंच रहा है। गोदरेज उद्योग जगत के ऐसे पहले शख्स हैं जिन्होंने बीफ बैन पर अपनी राय व्यक्त की तथा इसके कारण अर्थव्यस्था पर पड़ने वाले प्रभावों को रेखांकित किया। उनका बयान ऐसे समय में आया है जब केंद्र सरकार अपने दो वर्ष का कार्यकाल पूरा करने जा रही है और कई राज्यों में बीफ बैन को कठोरता के साथ लागू किया जा रहा है।
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अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए गोदरेज ने कहा कि पिछले दो साल के दौरान केंद्र सरकार की नीतियां कमोबेश अच्छी रही हैं। उन्होंने कहा, "कारोबार करने में आसानी हुई है। हमें कमोडिटी की कीमतें कम होने से लाभ मिला है।" उनका मानना है "भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में बना रहेगा और धीरे-धीरे एक मजबूत विकसित देश के रूप में उभरेगा।"
गोदरेज ने कहा "कुछ चीजें विकास को प्रभावित कर रही हैं, उदाहरण के तौर पर कुछ राज्यों में बीफ बैन, जिसके चलते विकास पर असर पड़ा है। इससे कृषि और ग्रामीण विकास पर असर पड़ रहा है। क्योंकि जरूरत से ज्यादा गायों का आप क्या करेंगे? इससे कारोबार को भी नुकसान हो रहा है क्योंकि यह कई किसानों के लिए कमाई का एक अच्छा जरिया था।"
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अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए गोदरेज ने कहा, "वैदिक काल में भारतीय बीफ खाते थे। हमारे धर्म में बीफ के खिलाफ कुछ भी नहीं है। कई वर्षों तक पड़े अकाल के चलते इसे शुरू किया गया। बुजुर्ग कहते थे कि गायों को मत मारो, बच्चों के दूध के लिए उनका संरक्षण करो। यही बातें धार्मिक विश्वास में बदल गईं। यह बकवास है। वैदिक भारतीय बीफ खाते थे।" बीफ बैन पर बॉम्बे हाइकोर्ट के निर्णय पर अपनी राय रखते हुए उन्होंने कहा, "यह एक अच्छा निर्णय है। कोर्ट ने कह दिया है कि आप गायों को मारने पर प्रतिबंध लगा सकते हैं लेकिन आप खपत पर रोक नहीं लगा सकते।"
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शराबबंदी के बारे में बोलते हुए गोदरेज ने कहा, "कुछ राज्यों में चुनाव जीतने और महिलाओं के वोट पाने के लिए इस तरह के प्रतिबंध लगाए जाते हैं। बिहार और केरल ने ऐसा किया है। उन्होंने कहा कि प्रतिबंध अर्थव्यवस्था के लिए बुरा होता है। यह सामाजिक ढांचे के लिए भी बुरा है। पीने वालों की संख्या में कमी नहीं होगी बल्कि इससे खराब शराब बनेगी और माफिया को बढ़ावा मिलेगा। पूरी दुनिया में यह प्रयोग असफल रहा है।" उन्होंने कहा राजनैतिक लाभ के लिए दिए गए निर्देशों का अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ता है।