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स्कूल परिसरों से 50 मीटर की दूरी तक जंक फूड की बिक्री पर लगेगी रोक: एफएसएसएआइ

स्कूली बच्चों के लिए सुरक्षित और पौष्टिक भोजन सुनिश्चित करने के लिए खाद्य क्षेत्र के नियामक एफएसएसएआइ ने कमर कस ली है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sun, 09 Aug 2020 09:19 PM (IST)Updated: Sun, 09 Aug 2020 09:19 PM (IST)
स्कूल परिसरों से 50 मीटर की दूरी तक जंक फूड की बिक्री पर लगेगी रोक: एफएसएसएआइ
स्कूल परिसरों से 50 मीटर की दूरी तक जंक फूड की बिक्री पर लगेगी रोक: एफएसएसएआइ

नई दिल्ली, एएनआइ। स्कूली बच्चों के लिए सुरक्षित और पौष्टिक भोजन सुनिश्चित करने के लिए खाद्य क्षेत्र के नियामक एफएसएसएआइ ने कमर कस ली है। इसीलिए स्कूलों की कैंटीनों और अन्य शैक्षणिक संस्थाओं में 'जंक फूड' और बीमार करने वाले भोज्य पदार्थों की बिक्री और उसका विज्ञापन करने पर रोक लगाने की तैयारी कर ली है। इसके साथ ही स्कूल और कालेज परिसरों से पचास मीटर की दूरी तक भी इनकी ब्रिकी और प्रचार निषिद्ध किया जाएगा।

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स्कूलों के बच्चों को सुरक्षित, पौष्टिक और सेहतमंद भोजन उपलब्ध कराना होगा: एफएसएसएआइ

भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआइ) के सीईओ अरुण सिंघल ने रविवार को बताया कि यह संस्था अब पहली बार खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम के तहत एक नई नियमावली लेकर आ रही है। इन नये नियमों का मकसद स्कूलों के बच्चों को सुरक्षित, पौष्टिक और सेहतमंद भोजन उपलब्ध कराना होगा। एफएसएसएआइ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नये नियम इसलिए बनाए जा रहे हैं ताकि स्कूली बच्चों को अधिक वसा, नमक और शर्करा वाला खाद्य पदार्थ स्कूल में या उसके आसपास नहीं मिले।

सेहत के लिए हानिकारक जंक फूड स्कूलों की कैंटीनों, हॉस्टल मेस में बेचना बंद कर दिया जाएगा

सेहत के लिए बेहद हानिकारक जंक फूड स्कूलों की कैंटीनों या मेस परिसरों या हॉस्टल मेस में बेचना बंद कर दिया जाएगा। इसके अलावा, शिक्षण संस्थानों के बाहर 50 मीटर की दूरी तक भी जंक फूड जैसे चिप्स, कोल्ड ड्रिंक्स, बर्गर, पीजा आदि की बिक्री पर रोक रहेगी। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि इस संबंध में अधिसूचना जारी होने के बाद हरेक स्कूल को इसका सख्ती से पालन करना होगा।

एफएसएसएआइ जल्द ला सकती है नई नियमावली

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2015 में दिल्ली हाईकोर्ट ने एफएसएसएआइ को स्कूल की कैंटीनों में जंक फूड बेचे जाने से रोकने के लिए दिशा-निर्देश जारी करने का आदेश दिया था। तब से संस्था की सर्वोच्च खाद्य समिति स्कूली बच्चों के लिए स्वास्थ्यवर्धक भोजन को लेकर गाइडलाइंस जारी करने पर काम करने लगी। साथ ही मिड डे-मील योजना के लिए काम कर रहे ठेकेदारों को भी इस खाद्य संस्था से मंजूरी या लाइसेंस लेने के लिए खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियमों का पालन करने को कहा गया है।


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