ताउम्र मानसिक रूप से अक्षम हो सकती है फलक
एम्स में 43 दिन से जिंदगी से जूझ रही बच्ची फलक की हालत में सुधार के कोई संकेत नहीं दिख रहे है, उसकी हालत और गंभीर लेकिन स्थिर बनी हुई है।
नई दिल्ली। एम्स में 43 दिन से जिंदगी से जूझ रही बच्ची फलक की हालत में सुधार के कोई संकेत नहीं दिख रहे है, उसकी हालत और गंभीर लेकिन स्थिर बनी हुई है।
गत 18 जनवरी से उसका उपचार कर रहे डॉक्टर दीपक अग्रवाल ने बताया कि फलक की हालत अब भी गंभीर बनी हुई है, उसे अब भी कृत्रिम श्वसन प्रणाली की जरूरत है।
फलक को जिस समय अस्पताल लाया गया था, उस समय उसके सिर में गंभीर चोटें आई हुई थीं, बाहें टूटी हुई थीं , उसके पूरे शरीर पर काटे जाने के निशान थे और उसके गालों को गर्म लोहे से दागा गया था।
डॉक्टर अग्रवाल ने बताया कि उसके पांच जीवनरक्षक ऑपरेशन किए जा चुके हैं। उसके मस्तिष्क में लगी चोट के चलते वह मानसिक रूप से अक्षम हो सकती है या फिर ताउम्र उसका शरीर निष्क्रिय रह सकता है। ऊपरी घाव ठीक हो चुके हैं। निशान अभी ठीक होने बाकी है। उन्होंने कहा कि एक बार वह खुद सांस लेने में सक्षम हो जाए तो डाक्टर खुद उसे कुछ दिनों में वार्ड में स्थानांतरित कर देंगे।
फलक की अवस्था को देखकर भारतीयों यहां तक कि अमेरिका और कनाडा तक के लोगों ने डॉक्टरों से संपर्क किया है और उसे गोद लेने की इच्छा जाहिर की है।
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