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Ayodhya Case : इकबाल अंसारी का ऐलान- फैसला जो भी आए, SC को कभी नहीं दूंगा चुनौती

Ayodhya Case में वादी इकबाल अंसारी ने कहा है कि वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती नहीं देंगे और इसके खिलाफ कोई याचिका दायर नहीं करेंगे।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Thu, 17 Oct 2019 10:14 AM (IST)Updated: Thu, 17 Oct 2019 10:40 AM (IST)
Ayodhya Case : इकबाल अंसारी का ऐलान-  फैसला जो भी आए, SC को कभी नहीं दूंगा चुनौती
Ayodhya Case : इकबाल अंसारी का ऐलान- फैसला जो भी आए, SC को कभी नहीं दूंगा चुनौती

अयोध्या, आइएएनएस। अयोध्या की राम जन्म भूमि और बाबरी मस्जिद भूमि विवाद अपने समाधान के दौर में है।  अयोध्या राम जन्मभूमि पर मालिकाना हक के मुकदमे की 40 दिन तक रोजाना चली सुनवाई बुधवार को पूरी हो गई। सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों की बहस सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। दीवाली के बाद किसी भी दिन इस मामले पर फैसला सुनाया जा सकता है। माना जा रहा है कि इस पर फैसला जल्द आ सकता है।

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इकबाल अंसारी का ऐलान

अयोध्या विवाद मामले में वादी इकबाल अंसारी ने कहा है कि वह राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद शीर्षक मुकदमे में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को स्वीकार करेंगे और फैसले को चुनौती देने वाली कोई याचिका दायर नहीं करेंगे। इकबाल अंसारी, जिनके पिता हाशिम अंसारी जो बाबरी मस्जिद मामले में सबसे पुराने मुकदमेबाज थे, उन्होंने कहा कि वह खुश हैं कि मामला अपने तार्किक निष्कर्ष पर पहुंच रहा है।

लगभग 70 वर्षों तक, अयोध्या ने इस मामले पर सिर्फ राजनीति देखी है, अब मुधे उम्मीद है कि यहां कुछ विकास होगा। इकबाल अंसारी ने कहा कि उन्होंने अपने पिता द्वारा शुरू की गई लड़ाई को निभाने की कसम खाई थी और उन्होंने अपना वादा पूरा किया।

मेरे पिता की मृत्यु जुलाई 2016 में हुई थी। वह 95 साल के थे। उन्होंने एक दर्जी के रूप में काम किया और फिर एक साइकिल मरम्मत की दुकान खोली। वह 1949 से बाबरी टाइटल सूट से जुड़ा था और सार्वजनिक सौहार्द को भंग करने के लिए गिरफ्तार किए गए लोगों में भी उनका नाम था, जब मस्जिद में राम की मूर्तियां लगाई गई थीं।

हाशिम अंसारी को 1952 में विवादित स्थल पर नमाज़ के लिए 'अजान' देने के लिए दो साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। 1961 में, हाशिम अंसारी और छह अन्य लोग फैजाबाद के सिविल जज की अदालत में सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड द्वारा दायर किए गए टाइटल सूट में मुख्य वादी थे। इकबाल अंसारी ने कहा, यह उनकी इच्छा थी कि मैं उनके बाद केस लड़ता रहूं।


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