Move to Jagran APP

'कोरोनिल' ट्रेड मार्क के इस्तेमाल को लेकर बाबा रामदेव की कंपनी को मिली राहत

CJI एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि अगर हम महामारी के दौरान कोरोनिल शब्द के इस्तेमाल को रोकते हैं तो यह पहले से बन चुके उत्पाद के लिए भयानक होगा।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Thu, 27 Aug 2020 06:57 PM (IST)Updated: Thu, 27 Aug 2020 06:57 PM (IST)
'कोरोनिल' ट्रेड मार्क के इस्तेमाल को लेकर बाबा रामदेव की कंपनी को मिली राहत
'कोरोनिल' ट्रेड मार्क के इस्तेमाल को लेकर बाबा रामदेव की कंपनी को मिली राहत

नई दिल्ली, प्रेट्र। बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। उसने पतंजलि द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे 'कोरोनिल' ट्रेड मार्क के इस्तेमाल पर रोक लगाने संबंधी याचिका को खारिज कर दिया है। चेन्नई की दवा कंपनी अरुद्रा इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड ने मद्रास हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती थी। मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि अगर हम महामारी के दौरान 'कोरोनिल' शब्द के इस्तेमाल को रोकते हैं तो यह पहले से बन चुके उत्पाद के लिए भयानक होगा, क्योंकि इसके नाम पर कुछ कीटनाशक भी हैं। 

loksabha election banner

ट्रेड मार्क के इस्तेमाल पर रोक लगाने संबंधी याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने किया खारिज

याचिकाकर्ता को इस मामले को हाईकोर्ट के समक्ष ले जाने को कहा गया। इससे पूर्व मामले की सुनवाई मद्रास हाईकोर्ट में हुई थी। उसने पतंजलि पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था और साथ ही इस ट्रेड मार्क के इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी। बाद में हाईकोर्ट की ही डिवीजन बेंच ने सिंगल बेंच के आदेश पर रोक लगा दी थी। गौरतलब है कि पतंजलि ने इसे कोरोना की दवा बताया था।

दवा को लेकर बाद में आयुष मंत्रालय ने कहा था कि इसे इम्यूनिटी बूस्टर के तौर पर बेचा जा सकता है, लेकिन कोरोना की दवा नहीं बताया जा सकता। आचार्य बालकृष्ण ने कहा था कि औषधि के लेबल पर कोई अवैध दावा नहीं किया गया है। इम्युनिटी बूस्टर का लाइसेंस लिया गया था और कोरोनिल टेबलेट, श्वसारि वटी और अणु तेल औषधि इम्युनिटी बूस्टर का ही काम करती है।

इस बारे में पतंजलि प्रवक्ता एसके तिजारावाला ने बताया कि कोरोनिल को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल केस में कोर्ट ने टिप्पणी की कि इस नाम का कोई कीटनाशक है, जबकि कोरोनिल एक दवा है। कोरोना संक्रमण काल में इस पर रोक लगाना कतई उचित नहीं। बताया कि इस टिप्पणी के साथ कोर्ट में केस को खारिज कर दिया।

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.