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Ayodhya Land Dispute Case: मामले मे मुस्लिम पक्ष की ओर से सुप्रीम कोर्ट में बहस शुरू

Ayodhya Land Dispute Case अयोध्या मामला में सुनवाई की आज 20वां दिन है। आज मुस्लिम पक्ष की ओर से सुनवाई शुरू हो गई है।

By Ayushi TyagiEdited By: Published: Thu, 05 Sep 2019 09:59 AM (IST)Updated: Thu, 05 Sep 2019 11:47 AM (IST)
Ayodhya Land Dispute Case: मामले मे मुस्लिम पक्ष की ओर से सुप्रीम कोर्ट में बहस शुरू
Ayodhya Land Dispute Case: मामले मे मुस्लिम पक्ष की ओर से सुप्रीम कोर्ट में बहस शुरू

 नई दिल्ली, जेएनएन। Ayodhya Land Dispute Case अयोध्या मामले में आज (सोमवार) को 20 वें दिन की सुनवाई जारी है। इस मामले मे मुस्लिम पक्ष की ओर से बहस शुरू हो गई है। गौरतलब है कि मामले को जल्दी खत्म करने के लिए सुप्रीम कोर्ट हफ्ते में पांच दिन सुनवाई कर रहा है। कोर्ट ने महज तीन सप्ताह में हिंदू पक्षकारों की दल्ली पूरी कर ली थी। 

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मामले में बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष के वकीस राजीव धवन ने याचिकाकर्ता मोहम्मद हाशिम के बेटे इकबाल अंसारी और अंतरराष्ट्रीय शूटर वर्तिका सिंह के बीच मंगलवार को जो झड़प हुई उसका मुद्दा उठाया। जानकारी के लिए बता दें कि वकील राजीव धवन सुन्नी वक्फ बोर्ड और उसके अन्य सहयोगियों की ओर से पक्ष रख रहे है। बता दें कि अयोध्या मामले की सुनवाई करने वाली रंजन गोगोई की अध्यता वाली पीठ में न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, डी वाई चंद्रचूड़, अशोक भूषण और एसए नजीर भी शामिल हैं। 

 

19 वें दिन की सुनावई में ये हुआ 
जानकारी के लिए बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में 19 वें दिन की सुनवाई के वक्त  इकबाल अंसारी का मुद्दा उठा। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह इकबाल अंसारी पर हुए हमले के मामले को देखेंगे। इस दौरान राजीन धवन ने कहा कि  इकबाल अंसारी पर एक शूटर ने हमला किया। उन्होंने आगे कहा कि इस मामले में सुनवाई होनी चाहिए या नहीं इसके बारे में मुझे नहीं पता लेकिन, सुप्रीम कोर्ट अगर इसपर निगाह भी डाल से तो यह बहुत होगा। 

18 वें दिन मामले में ये हुआ
18 वें दिन इस मामले में सुनवाई के दौरान यानी मंगलवार को मुस्लिम पक्षकारों की ओर से दावा किया गया था कि  अयोध्या में बाबरी मस्जिद के अंदर मूर्तियां रखने के लिए पूरी नीति और नजर बचा के हमला किया गया था। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी दावा किया कि इसमें कुछ अधिकारियों की हिंदुओं के साथ मिलीभगत थी और उन्होंने प्रतिमाओं को हटाने से इनकार कर दिया।

 वहीं मुस्लिम पक्षकारों की दल्ली पेश कर रही वकील धवन ने सुनवाई के दौरान ये भी कहा कि 'बाबरी के अंदर देवी-देवताओं की प्रतिमा का प्रकट होना चमत्कार नहीं था। उन्होंने कहा कि 23 से 24 दिसंबर 1949 की रात मूर्तियों को रखने के लिए गुपचुप और पूरी तैयारी के साथ हमला किया गया था।

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