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Ayodhya Case Verdict 2019 : तारीखों के आईने में जानिए अयोध्या मामला, जानिए कब-कब क्या हुआ ?

Ayodhya Case Verdict 2019 आज सुप्रीम कोर्ट अयोध्या राम जन्मभूमि पर मालिकाना हक के ऐतिहासिक मामले में सुबह 10.30 बजे फैसला सुनाने जा रहा है।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Sat, 09 Nov 2019 07:33 AM (IST)Updated: Sat, 09 Nov 2019 10:42 AM (IST)
Ayodhya Case Verdict 2019 : तारीखों के आईने में जानिए अयोध्या मामला, जानिए कब-कब क्या हुआ ?
Ayodhya Case Verdict 2019 : तारीखों के आईने में जानिए अयोध्या मामला, जानिए कब-कब क्या हुआ ?

नई दिल्ली, जेएनएन। Ayodhya Case Verdict 2019, आज सुप्रीम कोर्ट, अयोध्या राम जन्मभूमि पर मालिकाना हक के ऐतिहासिक मामले में सुबह 10.30 बजे फैसला सुनाया जाएगा। आईए जानते हैं इस मामले में कब-कब क्या हुआ।

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1528: अयोध्या में एक ऐसे स्थल पर मस्जिद का निर्माण किया गया, जिसे हिंदू भगवान राम का जन्मस्थान मानते हैं। मुगल सम्राट बाबर ने यह मस्जिद बनवाई थी। इसीलिए यह मस्जिद बाबरी मस्जिद के नाम से जानी जाती रही।

1853: हिंदुओं ने आरोप लगाया कि भगवान राम के मंदिर को तोड़कर मस्जिद का निर्माण हुआ। इस मुद्दे पर हिंदुओं और मुसलमानों के बीच पहली हिंसा हुई।

23 दिसंबर 1949: विवादित इमारत के केंद्रीय स्थल पर भगवान राम की मूर्ति का प्राकट्य हुआ। इसके बाद उस स्थान पर हिंदू नियमित रूप से पूजा करने लगे। मुसलमानों ने नमाज पढ़ना बंद कर दिया।

1984: विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने विवादित स्थल का ताला खोलने और मंदिर के निर्माण के लिए अभियान शुरू किया। समिति का गठन किया गया।

01 फरवरी 1986: फैजाबाद जिला न्यायाधीश ने विवादित स्थल पर हिंदुओं को पूजा की इजाजत दी। ताला खोला गया। नाराज मुस्लिमों ने विरोध में बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी का गठन किया।

01 फरवरी 1986: फैजाबाद जिला न्यायाधीश ने विवादित स्थल पर हिंदुओं को पूजा की इजाजत दी। ताला खोला गया। नाराज मुस्लिमों ने विरोध में बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी का गठन किया।

09 नवंबर 1989: तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी की सरकार ने विवादित स्थल के नजदीक शिलान्यास की इजाजत दी।

30 अक्टूबर 1990: विहिप के आह्वान पर अयोध्या पहुंचे कारसेवकों ने विवादित ढांचे पर फहराया भगवा झंडा। सुरक्षा बलों की फायरिंग में कई कारसेवक हताहत हुए।

02 नवंबर 1990: विवादित स्थल की ओर बढ़ते कारसेवकों पर सुरक्षाबलों ने फिर गोलीबारी की।

06 दिसंबर 1992: हजारों की संख्या में कारसेवकों ने अयोध्या पहुंचकर विवादित ढांचा ढहा दिया। अस्थायी राममंदिर बना। प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव ने मस्जिद के पुनर्निर्माण का वादा किया।

जुलाई 2005: आतंकवादियों ने विस्फोटक से भरी जीप का इस्तेमाल कर विवादित स्थल पर आत्मघाती हमला किया। सुरक्षा बलों ने पांचों आतंकवादियों को मार गिराया।

27 सितंबर 2018: सुप्रीम कोर्ट ने नमाज के लिए मस्जिद अपरिहार्य न होने के फैसले को पुनर्विचार के लिए संविधान पीठ के हवाले करने से इन्कार कर पूर्व फैसले को बहाल रखा।

21 मार्च 2017: रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता की पेशकश की। चीफ जस्टिस जेएस खेहर ने कहा कि अगर दोनों पक्ष राजी हों तो वह कोर्ट के बाहर मध्यस्थता करने को तैयार है।

27 सितंबर 2018: सुप्रीम कोर्ट ने नमाज के लिए मस्जिद अपरिहार्य न होने के फैसले को पुनर्विचार के लिए संविधान पीठ के हवाले करने से इन्कार कर पूर्व फैसले को बहाल रखा।

29 अक्टूबर 2018: सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई जनवरी 2019 तक टली।

जनवरी 2019: मामले की सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की संवैधानिक पीठ का गठन किया गया।

आठ मार्च 2019: सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में मध्यस्थता कमेटी का गठन। कमेटी में सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति एफएम कलीफुल्ला, आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर एवं अधिवक्ता श्रीराम पंचू शामिल किये गये। हालांकि, मध्यस्थता की कोशिश सफल नहीं हो पाई।

02 अगस्त 2019: सुप्रीमकोर्ट ने मध्यस्थता रिपोर्ट पर सुनवाई करने के बाद कहा, मध्यस्थता से नहीं सुलझाया जा सकता मसला।

06 अगस्त 2019: सुप्रीम कोर्ट में मंदिर-मस्जिद विवाद की नियमित सुनवाई शुरू हुई।

16 अक्टूबर 2019: सुप्रीम कोर्ट ने 40 दिन में पूरी की मामले की सुनवाई।


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