भारत के साथ मजबूती से खड़ा हुआ ऑस्ट्रेलिया, LAC पर यथास्थिति बदलने के एकतरफा प्रयास का किया विरोध
ऑस्ट्रेलिया ने कहा है कि वह वास्तविक नियंत्रण रेखा पर एकतरफा तरीके से यथास्थिति बदलने के किसी भी प्रयास का विरोध करता है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद के लिए परोक्ष रूप से चीन की आलोचना करते हुए ऑस्ट्रेलिया ने गुरुवार को कहा कि वह वास्तविक नियंत्रण रेखा पर एकतरफा तरीके से यथास्थिति बदलने के किसी भी प्रयास का विरोध करता है क्योंकि इससे तनाव बढ़ेगा और अस्थिरता का खतरा पैदा होगा।
ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त बेरी ओ फरेल ने यह भी कहा कि उनका देश दक्षिण चीन सागर में उठाए जा रहे कदमों से भी काफी चिंतित है और उसने क्षेत्र में चीन के गैरकानूनी दावे को खारिज किया है। पूर्वी लद्दाख में हालात का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर संयम बरतने का आग्रह करता है और तनाव कम करने की दिशा में उठाए गए कदमों का समर्थन करता है। ओ फरेल ने एक बयान में कहा, जैसा कि गुरुवार को मैंने भारत के विदेश मंत्री से कहा कि ऑस्ट्रेलिया यथास्थिति बदलने के किसी भी एकतरफा प्रयास का विरोध करता है। इससे तनाव बढ़ेगा और अस्थिरता का खतरा पैदा होगा।
बता दें कि एलएसी पर चीन पूरी तरह से चालबाजी पर उतर आया है। एक तरफ तो उसने अपने सैनिकों की वापसी नहीं की है लेकिन दूसरी तरफ यह दावा कर रहा है कि अधिकांश जगहों से सैनिकों की वापसी हो गई है। जबकि भारत का कहना है कि अभी सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया चल रही है और भारत ने चीन से इस मामले में गंभीरता से प्रयास करने को भी कहा है। वैसे दोनों देशों के बीच आगे का रास्ता निकालने के लिए अगले दौर की सैन्य वार्ता की तैयारी चल रही है। संकेत इस बात के हैं कि इस बार चीनी अतिक्रमण का मामला लंबा चलेगा।
वहीं, अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने कहा कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से दुनिया को वाकई बड़ा खतरा है। चीन की सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि वह अहम मौके पर भी सच नहीं बोलता। चीन से रिश्तों को लेकर ट्रंप प्रशासन सही दिशा में कदम उठा रहा है। हम हर कीमत पर अमेरिकी लोगों की आजादी सुरक्षित और सुनिश्चित करेंगे।