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अटार्नी जनरल ने नहीं दी भूषण के खिलाफ अवमानना कार्यवाही की अनुमति, पहले की थी CJI की आलोचना, बाद में जताया था खेद

अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल (Attorney General KK Venugopal) ने अधिवक्ता प्रशांत भूषण के खिलाफ आपराधिक अवमानना कार्यवाही शुरू करने की अनुमति देने से इन्कार कर दिया है। भूषण (Prashant Bhushan) ने मुख्‍य न्यायाधीश एसए बोबडे की आलोचना की थी।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 28 Nov 2020 11:07 PM (IST)Updated: Sat, 28 Nov 2020 11:11 PM (IST)
अटार्नी जनरल ने नहीं दी भूषण के खिलाफ अवमानना कार्यवाही की अनुमति, पहले की थी CJI की आलोचना, बाद में जताया था खेद
अटार्नी जनरल ने प्रशांत भूषण के खिलाफ आपराधिक अवमानना कार्यवाही शुरू करने की अनुमति देने से इन्कार कर दिया है।

नई दिल्ली, पीटीआइ। अटार्नी जनरल (एजी) केके वेणुगोपाल ने अधिवक्ता प्रशांत भूषण के खिलाफ आपराधिक अवमानना कार्यवाही शुरू करने की अनुमति देने से इन्कार कर दिया है। भूषण ने अपने ट्वीट के जरिये प्रधान न्यायाधीश (सीजेआइ) एसए बोबडे की आलोचना की थी, लेकिन बाद में उन्होंने ट्वीट में गलती के लिए खेद भी व्यक्त किया था।

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21 अक्टूबर को प्रशांत भूषण ने ट्वीट कर कहा था कि प्रधान न्यायाधीश ने कान्हा नेशनल पार्क की यात्रा के दौरान मध्य प्रदेश सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए विशेष हेलीकाप्टर का इस्तेमाल किया जबकि राज्य के दलबदल करने वाले विधायकों की अयोग्यता का महत्वपूर्ण मामला उनके समक्ष लंबित है। मध्य प्रदेश सरकार का भविष्य इस फैसले पर निर्भर है।

हालांकि भूषण ने चार नवंबर को अपने पूर्व के उक्त ट्वीट में गलती के लिए क्षमा मांगते हुए ट्वीट किया था, 'शिवराज सरकार में मंत्री बनाए गए दलबदल करने वाले कांग्रेस विधायकों की सीटों पर कल मतदान कराया गया। शिवराज सरकार का भविष्य उनके पुनर्निर्वाचन पर निर्भर है न कि प्रधान न्यायाधीश की अदालत में लंबित उनके मंत्रीपद को चुनौती देने वाले मामले में फैसले पर। मैं अपने ट्वीट में की गई गलती के लिए खेद व्यक्त करता हूं।'

अधिवक्ता सुनील सिंह ने 21 अक्टूबर के ट्वीट के लिए एजी से भूषण के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने की अनुमति मांगी थी। लेकिन एजी ने भूषण के बाद में ट्वीट कर खेद जताने को ध्यान में रखकर अनुमति देने से इन्कार कर दिया।

उल्‍लेखनीय है कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्त को प्रशांत भूषण को अवमानना के दूसरे मामले में एक रुपये का सांकेतिक जुर्माना लगाया था। इसके बाद भूषण ने कहा था कि अवमानना मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगाए गए एक रुपये के सांकेतिक जुर्माने को अदा करने का मतलब यह नहीं है कि उन्होंने शीर्ष अदालत का फैसला स्वीकार कर लिया है। वैसे भूषण जुर्माने का एक रुपया 14 सितंबर को शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री में जमा करा चुके हैं।  


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