बदायूं विस्फोट : एटीएस ने आइजी लखनऊ को भेजी जांच रिपोर्ट
पटाखा कारखाना में जबरदसत विस्फोट के बाद एटीएस टीम ने जांच लखनऊ आइजी को भेज दी है। घटनास्थल से लिए गए मिट्टी और बारूद के नमूने भी जांच के फॉरेंसिक लैब भेजे गए हैं।
बदायूं(जेएनएन)। पटाखा कारखाना में भीषण विस्फोट के बाद जांच को आई एटीएस टीम ने रविवार को अपनी रिपोर्ट आइजी एटीएस लखनऊ को भेज दी है। वहीं, घटनास्थल से एकत्र किए गए बारूद के कण और मलबा भी जांच के लिए फॉरेंसिक लैब भेजा गया है। ताकि स्पष्ट हो सके कि आखिरकार बारूद किस प्रकार का था, जो इतना भीषण विस्फोट हुआ। एक हफ्ते के बाद इसकी रिपोर्ट आने की संभावना है। विस्फोट के बाद एटीएस समेत अन्य सुरक्षा एजेंसियों की नजर बदायूं पर है।
एटीएस इंस्पेक्टर मंजीत सिंह घटनास्थल पर जांच करने के बाद टीम के साथ बरेली लौट गए है। प्रारंभिक जांच के बाद एटीएस का दावा है कि बारूद लो एक्सप्लोसिव वाला था जो जरा सा तापमान मिलने पर सुलगने के साथ विस्फोट करता है। साथ ही चारों तरफ के इलाके को चपेट में लेता है। एटीएस ने घटना के समय पटाखा कारखाना में शराब और बीड़ी या सिगरेट पिये जाने से विस्फोट की आशंका जताई है। रविवार को एटीएस ने पूरी रिपोर्ट आइजी एटीएस को लखनऊ भेज दी है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट को भी जांच में शामिल किया
जांच रिपोर्ट में विस्फोट के दौरान मरने वालों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट को भी शामिल किया गया है। ताकि यह स्पष्ट हो सके कि किसकी मौत जलकर हुई थी और किसकी धमाके की चपेट में आकर दूर जाकर गिरने से। मृतकों के फेफड़ों में बारूद का धुआं मिला। इन तथ्यों को शामिल कर पूरे घटनाक्रम की सप्लीमेंट्री रिपोर्ट बनाई जाएगी। साथ ही घटनास्थल से लिए गए बारूद व मलबे के सैंपल भी लखनऊ लैब को भेज दिए हैं। बारूद व मलबे के सैंपल भी लखनऊ लैब को भेज दिए हैं।
कारखाने में भीषण विस्फोट में हुई थी आठ लोगों की मौत
बता दें कि सिविल लाइंस थाना क्षेत्र के रसूलपुर गांव के पास शुक्रवार शाम को पटाखा कारखाने में भीषण धमाके में आठ लोगों की मौत हो गई थी। हादसे के बाद शनिवार को एटीएस टीम ने पहुंचकर मलबे के ढेर में उस बारूद के अवशेष तलाशे थे जो इस हादसे का सबब बना। वजह थी कि साधारण बारूद इतना भीषण विस्फोट नहीं कर सकता। वहीं घटनास्थल पर मिले 12 बोर के कारतूस के खोखे इस बात का इशारा कर रहे थे कि कहीं न कहीं कारखाने में कुछ गलत चल रहा था।
मालिक की साली ईश्वरवती से भी की थी पूछताछ
हादसे के वक्त पास के भवन में मौजूद भवन मालिक की साली ईश्वरवती से भी एटीएस ने पूछताछ की थी।ईश्वरवती अस्पताल में भर्ती थी। टीम ने उन से सवाल किया कि बारूद की पिछली खेप कब आई थी और कहां से बारूद मंगवाया जाता था। जबकि ईश्वरवती यही कहती रही कि वह देखरेख के लिए पास के भवन में रहती थी। बारूद मैजिक वाहन में आती थी और पटाखे भी उसी पर लादकर ले जाए जाते थे।
मलबे व बारूद के नमूने किए थे प्रिजर्व
एटीएस ने घटनास्थल से मलबे व बारूद के नमूने प्रिजर्व किए थे। फूटी हुई आतिशबाजी की बारूद भी निकालकर जांच के लिए फॉरेंसिक लैब भेजी थी। क्योंकि एटीएस यह जानना चाह रही है कि आखिरकार यह बारूद कौन सा है और किस फैक्ट्री में बनता है।