आठवले ने कहा- विशेषाधिकार हनन के मामले में विधानसभा स्पीकर के निर्देश पर अर्नब को भेजा था पत्र
प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस वी. रामासुब्रमणियन की पीठ ने गोस्वामी की याचिका पर यह कहते हुए दो हफ्ते के लिए सुनवाई स्थगित कर दी कि उन्होंने सहायक सचिव का जवाब अभी नहीं देखा है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। पत्रकार अर्नब गोस्वामी ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया कि महाराष्ट्र विधानमंडल सचिवालय के सहायक सचिव विलास आठवले के दावे पर विधानसभा स्पीकर का पक्ष जानने के लिए उन्हें नोटिस जारी किया जाए। विलास का कहना है कि कथित विशेषाधिकार हनन के मामले में उन्होंने स्पीकर के निर्देश पर ही गोस्वामी को पत्र भेजा था।
अर्नब की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने स्थगित की दो हफ्ते के लिए सुनवाई
प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस वी. रामासुब्रमणियन की पीठ ने शुरुआत में कहा कि हर स्थिति में स्पीकर का पक्ष जानने के लिए नोटिस जारी करना जरूरी हो सकता है, लेकिन बाद में पीठ ने गोस्वामी की याचिका पर यह कहते हुए दो हफ्ते के लिए सुनवाई स्थगित कर दी कि उन्होंने सहायक सचिव का जवाब अभी नहीं देखा है।
सहायक सचिव ने जवाब में कहा- मैंने पत्र विधानसभा स्पीकर के निर्देश पर भेजा था
शीर्ष अदालत ने छह नवंबर को विलास आठवले को कारण बताओ नोटिस जारी कर यह बताने को कहा था कि उनके उस पत्र के लिए उनके खिलाफ अवमानना कार्यवाही क्यों न शुरू की जाए जिसमें वह कथित विशेषाधिकार हनन के मुद्दे पर गोस्वामी को शीर्ष अदालत जाने के लिए डरा रहे हैं। गोस्वामी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा कि विधानमंडल के अधिकारी ने अपने जवाब में कहा है कि उन्होंने यह पत्र स्पीकर के निर्देश पर भेजा था।
आठवले के वकील ने कहा- कोर्ट को देखना चाहिए कि अवमानना हुई भी है या नहीं
आठवले की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने कहा कि स्पीकर को नोटिस जारी करने से पहले यह देखा जाना चाहिए कि कोई अवमानना हुई भी है या नहीं।