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बीफ बेचने का शकः इस बार भीड़ ने असम में बनाया बुजुर्ग को शिकार, जबरदस्ती मांस भी खिलाया

एक बार फिर भीड़ ने बीफ को लेकर एक इंसान को हिंसा का शिकार बनाया है। इस बार घटना असम के बिस्वनाथ चैराली की है।

By Vikas JangraEdited By: Published: Tue, 09 Apr 2019 10:58 AM (IST)Updated: Tue, 09 Apr 2019 12:15 PM (IST)
बीफ बेचने का शकः इस बार भीड़ ने असम में बनाया बुजुर्ग को शिकार, जबरदस्ती मांस भी खिलाया
बीफ बेचने का शकः इस बार भीड़ ने असम में बनाया बुजुर्ग को शिकार, जबरदस्ती मांस भी खिलाया

असम, जेएनएन। एक बार फिर, भीड़ ने एक मुस्लिम को हिंसा का शिकार बनाया है। इस बार घटना असम के बिस्वनाथ चैराली की है। यहां शौकत अली नाम के शख्स को भीड़ ने सिर्फ इसीलिए पीटा कि उस पर बीफ बेचने का शक था। गुस्साई भीड़ ने शौकत अली से उसकी राष्ट्रीयता के बारे में भी सवाल किए। शौकत से ये भी पूछा कि वो कोई बांग्लादेशी है या भारतीय, अगर भारतीय है तो उसका नाम उसका नाम एनआरसी में दर्ज है या नहीं। 

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बात यहीं नहीं रुकी बाद में भीड़ ने शौकत को जबरदस्ती पोर्क (सूअर का गोश्त) भी खिलाया। स्थानीय पुलिस के मुताबिक, 68 साल का शौकत अली पिछले 35 सालों से वहां पर अपना काम कर रहा है। भीड़ ने आरोप लगाया कि वो साप्ताहिक बाजार में बीफ बेच रहा था। फिलहाल, इस पूरे घटनाक्रम के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। इनमें से एक वीडियो में शौकत अली के साथ जबरदस्ती करते और उसे मांस खिलाते हुए भी देखा जा सकता है। पूरी घटना 7 अप्रैल की बताई जा रही है। 
Assam Police on Shaukat Ali Mob Lynching

मामला दर्ज, जांच शुरू
पूरे मामले में अली को चोटें आई हैं और उसे फिलहाल अस्पताल में दाखिल किया गया है। इस घटना के बाद पूरे इलाके में तनाव का माहौल है। असम पुलिस ने फिलहाल, इस मामले में रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने ट्वीट कर इस घटना के होने की पुष्टि की और बताया कि बिस्वनाथ थाने में मामला दर्ज किया गया है। 

असम में बीफ बैन नहीं लेकिन बेचना मना!
हालांकि, असम में बीफ बैन नहीं है लेकिन असम में केवल 15 साल से ज्यादा उम्र के पशुओं को ही स्लॉटर हाउस ले जाया जा सकता है। उसके लिए भी पहले राज्य सरकार से स्लॉटर के लिए अनुमति लेनी होती है। 

ओवैसी बोले- ऐसी घटनाओं पर दुख होता है
AIMIM के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने इस घटना पर दुख जताया। उन्होंने ट्वीट किया, 'मैं ऐसे बहुत लोगों को जानता हूं जो कि पिछले पांच साल में बढ़ती लिंचिंग की घटनाओं पर असंवेदनशील हो गए हैं। लेकिन मैं नहीं, ऐसा हरेक वीडियो मुझे उद्वेलित करता है और दुख देता है। इस बात का कोई मतलब नहीं कि असम में बीफ गैरकानूनी है,  असल में किसी बुजुर्ग को यूं पीटना भी पूरे देश में गैरकानूनी है।'


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