चालबाज चीन की कोरोना वैक्सीन कूटनीति को बड़ा झटका, आसियान देशों ने बनाई दूरी
चीन की कुटिल वैक्सीन कूटनीति को बड़ा झटका देते हुए आसियान देशों के सदस्य देश थाईलैंड फिलीपींस और मलेशिया ने शुक्रवार को ब्रिटेन और अमेरिका से कोविड-19 वैक्सीन की खरीद के लिए सौदों को सील कर दिया। यह चीन के लिए झटका है।
नई दिल्ली, आइएएनएस। चीन की कुटिल वैक्सीन कूटनीति को बड़ा झटका लगा है क्योंकि आसियान (एसोसिएशन आफ साउथईस्ट एशियन नेशंस) के सदस्य देशों थाईलैंड, फिलीपींस और मलेशिया ने कोविड-19 वैक्सीन खरीदने के लिए ब्रिटेन और अमेरिका से समझौता कर लिया है। वर्ष 2019 के अंत में चीन के वुहान शहर से शुरू हुए कोरोना वायरस की अनुवांशिक सामग्री उजागर करने में चीन ने जानबूझकर देरी की जिससे महामारी से लड़ाई के लिए वैक्सीन विकसित करने में अन्य देश असहाय हो गए।
चूंकि शुरुआती दौर में चीन के पास ही इस जानलेवा वायरस के बारे में प्रमुख जानकारी थी, इसलिए वैक्सीन के विकास की शुरुआत करने में उसे फायदा मिला। लिहाजा उसने संभावित वैक्सीन के बदले अन्य देशों पर शर्ते लगानी शुरू कर दी। हाल ही में चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग समेत वरिष्ठ चीनी नेताओं ने आसियान देशों की यात्रा के दौरान उन्हें आश्वस्त किया कि वैक्सीन में उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी, लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) में उन्हें चीन का समर्थन करना होगा। वायरस की जानकारी छिपाने के लिए डब्ल्यूएचओ में चीन को अन्य देशों के आक्रोश का सामना करना पड़ रहा है।
दुनिया को अब वैक्सीन का इंतजार
कोरोना से अभी किसी भी तरह की राहत मिलती नहीं दिख रही। महामारी ने अब तक साढ़े चौदह लाख से ज्यादा लोगों की जिंदगी समाप्त कर दी। सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित है। यहां कोरोना के कुल मामलों की संख्या एक करोड़ तीस लाख के पार हो गई है। विश्व के प्रभावित 210 देशों को सिर्फ वैक्सीन का इंतजार है।
अमेरिका में कुल मामले ही नहीं मरने वालों के आंकड़े भी डराने वाले हैं। यहां पर अब तक दो लाख 64 हजार से ज्यादा लोग मारे गए। पूरे विश्व के कुल मामलों में से 21 फीसद इसी देश में हैं। यहां पर औसतन दस लाख मामले हर छह दिन में बढ़ रहे हैं। टेक्सास राज्य में सबसे ज्यादा 12 लाख से ज्यादा मामले हैं। उसके बाद कैलिफोर्निया है, जहां पर 11 लाख 80 हजार मामले हो गए हैं। फ्लोरिडा दस लाख के आंकड़े पर पहुंच रहा है। न्यूयॉर्क में छह लाख 28 हजार से ज्यादा कुल मामले हो गए हैं।