बालिग होते ही भय्यू महाराज की बेटी के ट्रस्टी बनने का रास्ता साफ
22 सितंबर को इंदौर के संत भय्यू महाराज की बेटी कुहू के बालिग होने के बाद ट्रस्ट मंडल ने पुणे में कुहू के पास प्रस्ताव भेजा है।
नई दुनिया, इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर के संत भय्यू महाराज की बेटी कुहू का सद्गुर दत्त धार्मिक और पारमार्थिक ट्रस्ट में ट्रस्टी बनने का रास्ता साफ हो गया है। 22 सितंबर को कुहू के बालिग होने के बाद ट्रस्ट मंडल ने पुणे में कुहू के पास प्रस्ताव भेजा है। इस पत्र में उन्हें ट्रस्टी का पद स्वीकार करने का आग्रह किया गया है।
कुहू की स्वीकृति मिलते ही श्राद्ध पक्ष के बाद ट्रस्ट मंडल की बैठक होगी। इसमें नियमानुसार कुहू को शामिल किया जाएगा। 11 सदस्यीय ट्रस्ट मंडल में उनका शामिल होना लगभग तय बताया जा रहा है। इससे पहले अगस्त में हुई बैठक में भी कुहू के ट्रस्टी बनाए जाने पर चर्चा हुई थी, लेकिन उस वक्त कुछ ट्रस्टियों ने इस चर्चा पर यह कहकर विराम लगा दिया था कि अभी कुहू बालिग नहीं है।
इसके चलते कुहू को ट्रस्टी बनाना ट्रस्ट के संविधान के अनुरूप नहीं होगा। ट्रस्ट सचिव तुषार पाटिल का कहना था कि कुहू को ट्रस्टी बनने के लिए पत्र भेजा है। हालांकि, अभी उनकी ओर से स्वीकृति नहीं आई है। आगामी बैठक में इस मुद्दे के साथ विभिन्न विषयों पर चर्चा की जाएगी। गौरतलब है कि भय्यू महाराज ने कुछ समय पहले खुदकशी कर ली थी।
भांडवलकर के स्थान पर आयुषी को बनाया था ट्रस्टी
भय्यू महाराज की मौत के बाद आर्थिक संकट से जूझ रहे ट्रस्ट को पुन: स्थापित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में 28 जून को भय्यू महाराज की पत्नी डॉ. आयुषी को ट्रस्टी बनाया गया था। उनके ट्रस्टी बनाने का एक पक्ष ने विरोध भी जताया था। इसके बाद से ही कुहू को ट्रस्टी बनाने के प्रयास भी तेज हो गए थे। डॉ. आयुषी को कोल्हापुर के दिलीप भांडवलकर के स्थान पर ट्रस्टी बनाया गया था। कुहू को किस ट्रस्टी के स्थान पर जगह मिलेगी, इस पर अभी चर्चा होना बाकी है।