केजरी व सिसोदिया की याचिका खारिज, प्रशांत भूषण की हुई स्वीकार
कपिल सिब्बल के बेटे द्वारा दर्ज कराए गए मानहानि मामले में आरोपी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल के बेटे अमित सिब्बल द्वारा दर्ज कराए गए मानहानि मामले में आरोपी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की याचिका को पटियाला हाउस कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
दोनों ने अदालत में शिकायतकर्ता से पहले उनका पक्ष सुने जाने का मौका देने की याचिका दायर की थी। मामले में सह-आरोपी प्रशांत भूषण की उस याचिका को अदालत ने स्वीकार कर लिया जिसमें अमित सिब्बल के खिलाफ कुछ सुबूतों को पेश करने की मांग की गई थी।
'आप' के खिलाफ चुनाव आयोग पहुंचे डॉक्टर रायजादा, हस्तक्षेप की मांग
महानगर दंडाधिकारी डा. पंकज शर्मा ने मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि शिकायतकर्ता और उसकी तरफ से पेश किए गए गवाहों के बयानों पर बहस किए बिना आरोपी का पक्ष सुनना या फिर साथ-साथ उनका पक्ष सुने जाने का कोई मतलब नहीं है।
आरोपी को सुने जाने का अधिकार अभियोजन पक्ष के सभी सुबूतों को दर्ज करने के बाद शुरू होता है। लिहाजा याचिका को खारिज किया जाता है। वहीं, प्रशांत भूषण का कहना था कि हाई कोर्ट में चले हजिसन टेली-कम्यूनिकेशन लिमिटेड (एचटीआइएल) के मामले में आरोपी कंपनी की तरफ से कपिल सिब्बल के बेटे अमित सिब्बल ही अदालत में पेश हुए थे। केन्द्र में मंत्री बनने के बाद उन्होंने कंपनी को फायदा पहुंचाया।
अदालत से अपील की गई कि वर्ष 2006 से 2011 के दौरान अमित सिब्बल, एचटीआइएल व इस दौरान मामले से जुड़े रहे अन्य लोगों के बहीखाते व बिल बुक आदि को अदालत में पेश करने का आदेश दिया जाए। अदालत ने इस याचिका को स्वीकार करते हुए दस्तावेज प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
मोदी की मां से मुलाकात पर बिगड़े केजरीवाल के बोल, कर दिया ओछा ट्वीट