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Jammu-Kashmir: अनुच्छेद 370 हटते ही स्वास्थ्य क्षेत्र में होगा बड़ा बदलाव, कई बड़े ग्रुप खोल सकते हैं अस्पताल

जम्मू में अभी श्री माता वैष्णो देवी नारायणा सुपर स्पेशलिटी अस्पताल चल रहा है। इसके अलावा आचार्य श्री चंद्र मेडिकल कॉलेज और अस्पताल ही सबसे बड़ा निजी अस्पताल है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Sun, 15 Sep 2019 10:48 PM (IST)Updated: Sun, 15 Sep 2019 10:55 PM (IST)
Jammu-Kashmir: अनुच्छेद 370 हटते ही स्वास्थ्य क्षेत्र में होगा बड़ा बदलाव, कई बड़े ग्रुप खोल सकते हैं अस्पताल
Jammu-Kashmir: अनुच्छेद 370 हटते ही स्वास्थ्य क्षेत्र में होगा बड़ा बदलाव, कई बड़े ग्रुप खोल सकते हैं अस्पताल

रोहित जंडियाल, जम्मू। अनुच्छेद 370 के कारण जम्मू-कश्मीर हर क्षेत्र में पीछे चला गया था। मगर अब इसके हटने से स्वास्थ्य क्षेत्र में भी बड़ा बदलाव होने जा रहा है। कई बड़े ग्रुप राज्य में अस्पताल खोलने को इच्छुक हैं। इनमें मेदांता और अपोलो ने यहां अस्पताल खोलने की इच्छा जताई है।

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हालांकि, पहले से कुछ ग्रुप यहां अपनी ओपीडी चला रहे हैं। अलबत्ता, जम्मू कश्मीर में नारायणा ग्रुप को छोड़ दें तो कोई बड़ा निजी अस्पताल नहीं है। नारायणा ग्रुप श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के साथ मिलकर कटड़ा में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल चला रहा है। मेदांता द मेडिसिटी, फोर्टिज, एस्कार्ट और अपोलो जैसे बड़े ग्रुप पहले भी राज्य में अस्पताल बनाने की रुचि दिखा चुके हैं, लेकिन 370 हमेशा आड़े आया।

यह ग्रुप चला रहे ओपीडी
जम्मू में इस समय मेदांता द मेडिसिटी, अपोलो, एस्कार्ट, अमनदीप, हरदास, शैलबी अस्पताल, बीएलके सुपर स्पेशलिटी अस्पताल और मैक्स अस्पताल की ओपीडी चल रही है। इनके अलावा भी और भी कई बड़े अस्पतालों के डॉक्टर यहां समय-समय पर आते हैं।

जम्मू में प्रमुख निजी अस्पताल
इस समय जम्मू में श्री माता वैष्णो देवी नारायणा सुपर स्पेशलिटी अस्पताल चल रहा है। इसके अलावा आचार्य श्री चंद्र मेडिकल कॉलेज और अस्पताल सबसे बड़ा निजी अस्पताल है। जेके मेडिसिटी, बीएन जनरल अस्पताल और महर्षि दयानंद अस्पताल भी यहां मौजूद हैं।

खुल रहा है अमेरिकन ऑन्कोलॉजी इंस्टीट्यूट
अनुच्छेद 370 हटने के बाद सबसे पहले जम्मू में अमेरिकन आनकोलॉजी इंस्टीट्यूट खुलने जा रहा है। हालांकि इसकी प्रक्रिया पहले से चल रही थी। इसका उद्घाटन इसी महीने होने की उम्मीद है। यह इंस्टीट्यूट आचार्य श्री चंद्र मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के सहयोग से खुल रहा है।

सरकार की नीति
राज्य प्रशासनिक परिषद ने मार्च में स्वास्थ्य क्षेत्र में निवेश के लिए स्वास्थ्य देखभाल निवेश नीति-2019 को मंजूरी दी थी। इस नीति के पास होने से अब राज्य में कोई भी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल, मेडिकल कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज और पैरामेडिकल कॉलेज स्थापित करता है तो उसे पूंजी निवेश में 30 फीसद की छूट दी जाएगी।

यह छूट दस लाख की जनसंख्या से कम वाले शहरों में अधिकतम तीन करोड़ के निवेश तक और दस लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहर में अधिकतम पांच करोड़ तक निवेश करने पर ही मिलेगी। यही नहीं 15 लाख रुपये तक ऋण लेने पर ब्याज दर में भी पांच फीसद छूट दी जाएगी। यह छूट प्रोजेक्ट शुरू होने के बाद अधिकतम पांच साल तक के लिए होगी।

आ सकते हैं और भी कई ग्रुप
प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र ¨सह का कहना है कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद मेदांता के डॉ. त्रेहन और अपोलो ग्रुप ने अपनी रुचि दिखाई है। पहले भी डॉ. त्रेहन के साथ बात हुई थी। लेकिन जगह के मालिकाना अधिकार को लेकर बात नहीं बन पाई थी। धीरे-धीरे कई और बड़े गु्रप राज्य में अस्पताल खोलने को आगे आएंगे।

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