Coronavirus: पहले से गठिया रोगियों को कोरोना मुक्त होने में लग रहा दोगुना समय, जानिए क्यों
कुछ मरीजों की मेडिकल हिस्ट्री के आधार पर डॉक्टर यह मान रहे हैं कि जिन संक्रमितों को गठिया है वे ठीक होने में 20 से 25 दिन का समय ले रहे हैं।
अभिषेक चेंडके, इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर में कोरेाना संक्रमितों की संख्या ज्यादा रही है। अब तक यहां 2900 से ज्यादा कोरोना संक्रमित मरीज हैं, जिनमें से 1400 कोरोना को हराकर घर लौट चुके हैं। ज्यादातर मरीज कोरोना से मुक्त होने में 14 दिन का समय ले रहे हैं, लेकिन कुछ केस ऐसे भी सामने आए हैं, जिन्हें ठीक होने में दोगुना समय लग रहा है और 14 दिन बाद भी उनके शरीर में संक्रमण बना हुआ है। इनमें से कुछ मरीजों की मेडिकल हिस्ट्री के आधार पर डॉक्टर यह मान रहे हैं कि जिन संक्रमितों को गठिया है, वे ठीक होने में 20 से 25 दिन का समय ले रहे हैं।
केस-1: इंदौर के इंडेक्स अस्पताल में भर्ती एक संक्रमित रोगी ने ठीक होने में ज्यादा समय लिया। गठिया होने के कारण वह पहले से हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन (एचसीक्यू) गोली का सेवन कर रहा था, इसलिए कोरोना संक्रमण को दूर करने के लिए उस दवा का रोगी पर कम असर हुआ।
केस-2: एक महिला 14 दिन बाद भी संक्रमण से मुक्त नहीं हो पाई। 25 दिन बाद उसकी रिपोर्ट निगेटिव आई। महिला को गठिया रोग भी है। इस वजह से संक्रमण के लिए दी जाने वाले दवाओं का असर उस पर देरी से हुआ।
केस-3: इंदौर के ही अरबिंदो अस्पताल में भर्ती एक मरीज की दूसरी रिपोर्ट निगेटिव नहीं आई। रोगी की हालत ठीक है। रोगी को गठिया की भी शिकायत है और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने में ज्यादा समय लग रहा है।
गठिया संक्रमित लेते हैं एचसीक्यू
गठिया को नियंत्रित करने में हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन दवा कारगर होती है और इसका इस्तेमाल डॉक्टर कोरोना संक्रमण के लिए भी कर रहे हैं। डॉक्टरों का मानना है कि पहले से गठिया के रोगी इस दवा का सेवन करते हैं, इसलिए तेजी से इस दवा का असर नहीं हो रहा है।
गठिया नियंत्रित रखने वाली दवा भी एक कारण
एमवाय अस्पताल के मेडिसिन प्रोफेसर डॉ. धर्मेद्र झंवर ने कहा कि गठिया को नियंत्रित करने के लिए टेस्टोराइड दिए जाते हैं। इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता घटती है, लेकिन गठिया नियंत्रित रहता है। गठिया के रोगियों के संक्रमित होने पर ठीक होने में ज्यादा समय लेने की एक वजह यह हो सकती है।
महीनेभर में हुए ठीक
अरबिंदो अस्पताल के डॉ. रवि दोशी ने कहा कि देरी से ठीक होने वाले रोगियों में कुछ ऐसे हैं, जिन्हें गठिया भी है। एक रोगी का इलाज महीनेभर तक किया गया और फिर उसे डिस्चार्ज किया गया।