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पूर्वी लद्दाख जैसे ऊंचाई वाले इलाकों के लिए अत्यधिक सुरक्षा वाले वाहन चाहती सेना, इन तीन गाड़ियों पर नजर

भारतीय सेना पूर्वी लद्दाख जैसे ऊंचाई वाले इलाकों में सैनिकों को अत्यधिक सुरक्षा वाले वाहन उपलब्ध कराना चाहती है। इसके लिए सेना की नजर तीन वाहनों पर है।

By TaniskEdited By: Published: Tue, 04 Aug 2020 05:58 PM (IST)Updated: Tue, 04 Aug 2020 05:58 PM (IST)
पूर्वी लद्दाख जैसे ऊंचाई वाले इलाकों के लिए अत्यधिक सुरक्षा वाले वाहन चाहती सेना, इन तीन गाड़ियों पर नजर
पूर्वी लद्दाख जैसे ऊंचाई वाले इलाकों के लिए अत्यधिक सुरक्षा वाले वाहन चाहती सेना, इन तीन गाड़ियों पर नजर

नई दिल्ली, एएनआइ। भारतीय सेना पूर्वी लद्दाख जैसे ऊंचाई वाले इलाकों में सैनिकों को अत्यधिक सुरक्षा वाले वाहन उपलब्ध कराना चाहती है। इसके लिए सेना की नजर अमेरिकी स्ट्राइकर इन्फेंट्री कॉम्बिनेशन व्हीकल और हम्वे के अलावा स्वदेशी टाटा व्हीकल आर्मर्ड प्रोटेक्शन पर है। सेना इन तीनों वाहनों में से किसी एक का चयन करना चाहती है। रक्षा सूत्रों ने समाचार एजेंसी एएनआइ को इसकी जानकारी दी है। भारतीय सेना को पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में सैनिकों की आवाजाही के लिए बख्तरबंद गाड़ी की आवश्यकता है, जहां चीन ने पहले से ही बड़ी संख्या में बख्तरबंद गाडि़यां तैनात की हैं।

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सेना इन तीन विकल्पों पर गौर कर रही है, जिनमें टाटा व्हैप और अमेरिकी स्ट्राइकर और हम्वे शामिल हैं। रक्षा सूत्रों के अनुसार फिलहाल सेना द्वारा विकल्पों का मूल्यांकन किया जा रहा है और जल्द ही इस संबंध में निर्णय लिया जाएगा। उनके अनुसार स्वदेशी टाटा व्हैप को सेना की आवश्यकताओं को पूरा करने में विदेशी उत्पादों पर प्राथमिकता मिल सकती है। हालांकि, टाटा के वाहन ने अभी तक सेवा नहीं दी है, लेकिन स्ट्राइकर और हम्वे लंबे समय से अमेरिकी रक्षा बलों का हिस्सा रहे हैं।

डीआरडीओ के साथ मिलकर विकसित किया गया टाटा व्हैप 

टाटा व्हैप को डीआरडीओ के साथ मिलकर विकसित किया गया है। यह हाल के दिनों में कई परीक्षणों से गुजरा है, जिसमें ऊंचाई का परीक्षण शामिल हैं। स्ट्राइकर और हम्वे  C-130J और C-17s सहित ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट से गिराए जाने में सक्षम हैं। ये एयरक्राफ्ट भारतीय वायु सेना द्वारा भी संचालित किए जाते हैं।

बीएमपी इन्फेंट्री कॉम्बेट व्हीकल इस्तेमाल करती है सेना

गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख में जारी गतिरोध के दौरान, चीनी सैनिक बख्तरबंद गाड़ी सहित भारी वाहनों की मदद से गलवन वैली, हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा और पैट्रोलिंग पॉइंट 15 सहित कई बिंदुओं तक आ गए थे। भारतीय सेना बड़ी संख्या में रूसी मूल के बीएमपी इन्फेंट्री कॉम्बेट व्हीकल इस्तेमाल करती है। इनका इस्तेमाल भारतीय सेना के मैकेनाइज्ड इन्फेंट्री रेजिमेंट द्वारा रेगिस्तान, मैदानों और ऊंचाई वाले स्थानों में किया जाता है।


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