चीन के साथ बढ़ते तनाव के बीच सेना प्रमुख एमएम नरवाने और विदेश सचिव का आज से म्यांमार दौरा
इस यात्रा से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध और मजबूत होंगे। पड़ोसी देश होने के चलते म्यांमार से अच्छे रिश्ते रखना भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता है। दोनों देशों ने सांस्कृतिक और रक्षा के साथ ही कई अन्य क्षेत्रों में अपनी भागीदारी को मजबूत किया है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवाने और विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला रविवार को दो दिवसीय दौरे पर म्यांमार रवाना होंगे। इस दौरान वे वहां के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के साथ ही नेताओं से भी बातचीत करेंगे। इनकी मुलाकात चर्चित नेता आंग सान सू की से भी होगी। नरवाने और श्रृंगला की यह यात्रा चीन के साथ बढ़ते तनाव के बीच बहुत ही महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
विदेश मंत्रालय ने कहा है कि इस यात्रा से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध और मजबूत होंगे। पड़ोसी देश होने के चलते म्यांमार से अच्छे रिश्ते रखना भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता है। दोनों देशों ने सांस्कृतिक और रक्षा के साथ ही कई अन्य क्षेत्रों में अपनी भागीदारी को मजबूत किया है।
गौरतलब है कि भारत पूर्वोत्तर क्षेत्र के कुछ उग्रवादी संगठनों के म्यांमार में शरण को लेकर भी चिंतित है। हालांकि, म्यांमार आश्वस्त करता रहा है कि वह किसी को भी भारत के खिलाफ अपने क्षेत्र का उपयोग करने की अनुमति नहीं देगा।
गुरुवार को दोनों देशों के विदेश मंत्रालयों के बीच हुई थी अहम बैठक
बता दें कि अभी गुरूवार को ही दोनो देशों के विदेश मंत्रालयों के बीच एक अहम बैठक हुई जिसमें द्वपिक्षीय रिश्तों की नए सिरे से समीक्षा की गई। यह हाल के दिनों में तीसरे पड़ोसी देश के साथ सहयोग बैठक थी। इसके पहले श्रीलंका के साथ शिखर बैठक व बांग्लादेश के साथ विदेश मंत्रियों के स्तर पर बैठक हुई है। म्यांमार के साथ विमर्श बैठक को संबोधित करते हुए विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला ने पड़ोसी देश के लिए कई तरह की सहयोग योजनाओं का ऐलान किया।
विदेश सचिव श्रृंगला ने अपने भाषण में कहा था कि, भारत अभी म्यांमार को 1.4 अरब डॉलर की मदद कर रहा है। कोविड महामारी के बावजूद हम अगले वर्ष की पहली तिमाही में सित्वे परियोजना का संचालन शुरु करने जा रहे हैं। इसके अलावा भारत-म्यांमार-थाईलैंड को जोड़ने वाली ट्राइलेटरल हाइवे पर निíमत होने वाली 69 पुलों के निर्माण के लिए जल्द ही निविदा आमंत्रित किया जाने वाला है।