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चीनी सैनिकों के साथ झड़प के बाद सेना प्रमुख बोले, सीमा पर शांति बनाए रखते हैं भारतीय जवान

बीते दिनों चीनी सैनिकों के साथ भारतीय जवानों की झड़प के बाद सेना प्रमुख एमएम नरवाने ने कहा कि भारतीय जवान सीमावर्ती क्षेत्रों में हमेशा शांति बनाए रखते हैं।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Thu, 14 May 2020 03:39 PM (IST)Updated: Thu, 14 May 2020 04:06 PM (IST)
चीनी सैनिकों के साथ झड़प के बाद सेना प्रमुख बोले, सीमा पर शांति बनाए रखते हैं भारतीय जवान
चीनी सैनिकों के साथ झड़प के बाद सेना प्रमुख बोले, सीमा पर शांति बनाए रखते हैं भारतीय जवान

नई दिल्‍ली, पीटीआइ/एएनआइ। पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग त्सो झील क्षेत्र में पिछले दिनों भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प के बाद बने तनाव के बीच भारतीय सेना प्रमुख एमएम नरवाने (Army Chief Gen MM Naravane) ने कहा है कि भारतीय सैनिक सीमावर्ती क्षेत्रों में खासकर चीन से लगती सीमा पर हमेशा शांति बनाए रखते हैं। हमारी उत्तरी सीमाओं पर इन्फ्रास्‍ट्रक्‍चर क्षमताओं का तेजी से विकास हो रहा है। कोरोना संकट से हमारी सेना को नुकसान नहीं होगा।  

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पूर्वी लद्दाख और उत्तरी सिक्किम में चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच हुई झड़पों में दोनों पक्षों के जवानों को मामूली चोटें आने की जानकारी देते हुए सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवाने ने गुरुवार को कहा कि दोनों पक्षों ने स्थानीय स्तर पर बातचीत के जरिए मामले को सुलझा लिया। सेना प्रमुख ने एक बार फ‍िर दोहराया कि सैनिकों के बीच हुई झड़प की दोनों घटनाओं का मौजूदा घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्थितियों से कोई संबंध नहीं है। 

आर्मी चीफ के इस बयान से पहले चीन ने बुधवार को सफाई देते हुए कहा कि उसके सैनिक अपने देश की सीमा में सामान्य गश्त कर रहे हैं। साथ ही उसने भारत से आग्रह किया कि हमें इस मसले पर उलझनें बढ़ाने से बचना होगा। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान का कहना था कि सैनिकों की झड़प को लेकर दोनों देश राजनयिक स्तर पर संपर्क में हैं। उन्‍होंने यह भी कहा कि चीनी सैनिक एलएसी पर अपने चीन के इलाकों में गश्त कर रहे हैं।

बुधवार को दिए गए बयान में सेना प्रमुख ने कहा था कि इस प्रकार की झड़पें पहले भी होती रही हैं। हम इनका दो देशों के बीच के प्रोटोकॉल के मुताबिक समाधान निकालेंगे। आर्मी चीफ नरवाने ने यह भी कहा था कि सेना का मनोबल काफी ऊंचा है... चूंकि एलएसी सही तरीके से परिभाषित नहीं है, लेकिन यह तय है कि इससे संबंधित मुद्दों को दो देशों के बीच के तय प्रोटोकॉल के तहत निपटाया जाएगा।'


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