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पूर्वी कमान क्षेत्र के दौरे में नरवणे ने पहनी नई वर्दी, जानें आखिर क्यों खास है सेना की नई कांबैट यूनिफार्म

भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने हाल ही में पूर्वी कमान क्षेत्र की यात्रा के दौरान नई लड़ाकू वर्दी पहनी। इस दौरान उन्होंने परिचालन तैयारियों की समीक्षा भी की। जानें क्‍यों बेहद खास मानी जा रही है सेना की यह वर्दी...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Thu, 20 Jan 2022 02:41 AM (IST)Updated: Thu, 20 Jan 2022 08:34 AM (IST)
पूर्वी कमान क्षेत्र के दौरे में नरवणे ने पहनी नई वर्दी, जानें आखिर क्यों खास है सेना की नई कांबैट यूनिफार्म
सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने पूर्वी कमान क्षेत्र की यात्रा के दौरान नई लड़ाकू वर्दी पहनी।

नई दिल्ली [जागरण स्‍पेशल]। भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे (Manoj Mukund Naravane) ने हाल ही में पूर्वी कमान क्षेत्र की यात्रा के दौरान नई लड़ाकू वर्दी (New combat uniform of Indian Army) पहनी। इस दौरान उन्होंने परिचालन तैयारियों की समीक्षा भी की। नई आर्मी कांबैट पैटर्न यूनिफार्म को नेशनल इंस्टीट्यूट आफ फैशन टेक्नोलाजी की मदद से 15 पैटर्न, आठ डिजाइन और चार फैब्रिक के विकल्पों के माध्यम से विकसित किया गया है। जानें क्‍यों बेहद खास मानी जा रही है यह वर्दी...

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अलग-अलग वर्दी रखने की जरूरत खत्‍म

सेना दिवस (15 जनवरी, 2022)के मौके पर लांच की गई कांबैट यूनिफार्म (लड़ाकू वर्दी) जहां अंतरराष्ट्रीय मानकों को ध्यान में रखकर तैयार की गई है वहीं जवानों और अधिकारियों के लिए इसे काफी सुविधाजनक बनाया गया है। इस यूनिफार्म ने अब अलग-अलग इलाकों के लिए अलग-अलग वर्दी रखने की आवश्यकता को समाप्त कर दिया है। सेना दिवस के मौके पर बीते शनिवार भारतीय सेना की एक टुकड़ी नई यूनिफार्म को पहनकर परेड मे शामिल हुई थी। बुधवार को सेना प्रमुख ने भी इसे पहनकर देखा।

निफ्ट की मेहनत का फल

इस यूनिफार्म को नेशनल इंस्टीट्यूट आफ फैशन टेक्नोलाजी (निफ्ट) के सहयोग से डिजाइन किया गया है। इस यूनिफार्म को डिजाइन करने में संस्थान के आठ छात्रों और प्रोफेसरों की एक टीम का योगदान रहा। निफ्ट ने इसे अंतिम रूप देने से पहले चार अलग-अलग फैब्रिक, आठ अलग-अलग डिजाइन और लगभग 15 पैटर्न का अध्ययन किया।

यूनिफार्म में नया क्या है

इस यूनिफार्म को एर्गोनोमिकली डिजाइन किया गया है। इस यूनिफार्म ने अलग-अलग इलाकों के लिए अलग-अलग वर्दी रखने की आवश्यकता समाप्त कर दिया है। पहले जंगलों में युद्ध और रेगिस्तानी इलाकों में युद्ध के लिए अलग-अलग वर्दी थी। नई वर्दी में विघटनकारी पैटर्न के अलावा कई और बदलाव किए गए हैं।

बहुत हल्का है इसका कपड़ा

इस यूनिफार्म का कपड़ा, कपास और पालिएस्टर के 70:30 के संयोजन से तैयार किया गया है। इस संयोजन के कारण यह यूनिफार्म हल्की होने के साथ विभिन्न मौसमों के अनुकूल होगी। सर्दी, गर्मी और बरसात में समान रूप से आरामदायक होने के साथ इसे आसानी से और तेजी से सूखाया जा सकेगा।

यूनिफार्म में बदलाव क्यों

पूर्व अधिकारियों के मुताबिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यूनिफार्म में ऐसा किया गया है। कई अन्य देशों की वर्दी का अध्ययन करने वाले हितधारकों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद नए बदलाव किए गए हैं।

विघटनकारी पैटर्न

नई वर्दी में रंगों का जो मिश्रण किया गया है उसमें आलिव ग्रीन, अर्थर्न शेड्स शामिल हैं। यह रंग विभिन्न इलाकों और सैनिकों की तैनाती के क्षेत्रों के साथ-साथ चरम मौसम की स्थिति को ध्यान में रखकर चुने गए हैं।नई यूनिफार्म में शर्ट को पैंट में टक (इन) नहीं करना होगा। शर्ट के अंदर एक टी-शर्ट होगी। इसका पैटर्न एक डिजिटल विघटनकारी पैटर्न है। यह पिक्सेलयुक्त डिजाइन की तरह है। कई तरह के भौगोलिक क्षेत्रों में यह यूनिफार्म छलावरण का भी काम करती है।

फैलाई जा रहीं भ्रामक जानकारियां

हाल ही में सेना की नई लड़ाकू वर्दी और लिट्टे की वर्दी के बीच तुलना को खारिज करते हुए सरकारी सूत्रों ने कहा था कि दोनों विशिष्ट रूप से अलग हैं। सेना के पैटर्न पर फिल्टर लगाकर इसे विकृत किया गया है। सरकारी सूत्रों ने कहा कि यह स्पष्ट है कि इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर दुर्भावनापूर्ण इरादे से भ्रामक जानकारी फैलाई जा रही है। इसमें सेना के नए पैटर्न पर फिल्टर का इस्तेमाल किया गया है।  


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