एलएसी पर चीन का अड़ियल रुख देख हाई अलर्ट पर सेना और वायुसेना, जानें क्या है रणनीति
चीन के साथ जारी मौजूदा विवाद सुलझने तक सेना और वायुसेना एलएसी पर उच्च स्तर की सतर्कता (high level of operational readiness) बनाए रखेगी।
नई दिल्ली, पीटीआइ। चीन के साथ जारी मौजूदा विवाद सुलझने तक सेना और वायुसेना लद्दाख, उत्तरी सिक्किम, उत्तराखंड और अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर उच्च स्तर की सतर्कता (high level of operational readiness) बनाए रखेगी। घटनाक्रम से परिचित लोगों ने शुक्रवार को यह बात कही। सूत्रों ने बताया कि मौजूदा वक्त में चीन के अड़ियल रवैये को देखते हुए सेना ने सतर्कता बढ़ा दी है।
चीन के अड़ियल रुख को देख सतर्कता के निर्देश
पैंगोंग सो, डेपसांग और गोगरा सहित पूर्वी लद्दाख में कई स्थानों में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) द्वारा वापसी की प्रक्रिया में सुस्ती के मद्देनजर उच्च स्तर की सतर्कता बनाए रखने का ताजा निर्देश आया है। भारत ने चीन को पहले ही बता दिया है कि इस विवाद को समाप्त करने के लिए पूर्वी लद्दाख के सभी क्षेत्रों में यथास्थिति बहाल करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
वायुसेना भी सतर्क
चीन की हरकतों को देखकर वायु सेना भी पूर्वी लद्दाख और अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में सतर्कता बनाए रखने की तैयारी कर रही है। वायुसेना के वाइस चीफ एयर मार्शल एचएस अरोड़ा ने बल की परिचालन तैयारियों का जायजा लेने के लिए शुक्रवार को लद्दाख में कई हवाई ठिकानों का दौरा किया। उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों से बातचीत करते हुए हर समय उच्च स्तर की सतर्कता बनाए रखने को कहा।
सैनिकों की तैनाती बढ़ाई
वहीं पूर्वी लद्दाख में सीमा पर चीन के साथ हुई झड़प के मद्देनजर भारतीय सेना ने अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में लगभग 3,500 किलोमीटर लंबी एलएसी पर सभी संवेदनशील क्षेत्रों में सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी है। सूत्रों ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में चीनी सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ रही, इसलिए सेना सíदयों में भी एलएसी पर सैनिकों और हथियारों की संख्या बरकरार रखना चाहती है।
थल सेना प्रमुख दे चुके हैं निर्देश
थल सेनाध्यक्ष जनरल एमएम नरवाने एलएसी के साथ सीमावर्ती संरचनाओं के संचालन की देखरेख करने वाले सेना के वरिष्ठ कमांडरों को सूचित कर चुके हैं कि वे किसी भी चीनी दुस्साहस से निपटने के लिए पर्याप्त सतर्कता बनाए रखें। बीते तीन हफ्तों में थल सेनाध्यक्ष ने भारत और चीन के बीच लगभग 3,500 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सेना की परिचालन तत्परता और तैनाती की देखरेख के लिए जिम्मेदार सभी वरिष्ठ कमांडरों के साथ विस्तृत चर्चा की है।
लगातार हो रही हालात की समीक्षा
उल्लेखनीय है कि बीते दिनों सीमा पर हालात का जायजा लेने के लिए जनरल नरवाने ने जुलाई के मध्य में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ पूर्वी लद्दाख का दौरा किया था। गुरुवार को उन्होंने तेजपुर स्थित चौथे कोर मुख्यालय में पूर्वी कमान के वरिष्ठ कमांडरों के साथ व्यापक विचार-विमर्श किया।