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Anti-national activity: मोदी सरकार की नीति के चलते देश में सिमट रहा है आतंकवाद का दायरा

आतंकवाद को बिल्कुल बर्दाश्त न करने की केंद्र सरकार की नीति के चलते इस राष्ट्रविरोधी गतिविधि में कमी आई है। 2018 में ये गतिविधियां देश के 174 थाना क्षेत्रों में थीं जबकि 2019 में ये घटकर 161 थाना क्षेत्रों में रह गईं।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sun, 03 Jan 2021 07:39 PM (IST)Updated: Sun, 03 Jan 2021 07:39 PM (IST)
Anti-national activity: मोदी सरकार की नीति के चलते देश में सिमट रहा है आतंकवाद का दायरा
2019 में घटकर 161 थाना क्षेत्रों में सीमित हुआ।

नई दिल्ली, आइएएनएस। आतंकवाद को बिल्कुल बर्दाश्त न करने की केंद्र सरकार की नीति के चलते इस राष्ट्रविरोधी गतिविधि में कमी आई है। 2018 में ये गतिविधियां देश के 174 थाना क्षेत्रों में थीं जबकि 2019 में ये घटकर 161 थाना क्षेत्रों में रह गईं। ये थाना क्षेत्र माओवाद प्रभावित झारखंड, बिहार और महाराष्ट्र के तथा अलगाववाद प्रभावित जम्मू-कश्मीर, असम और उत्तर-पूर्वी राज्यों के हैं।

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केंद्र सरकार की नीति के चलते इस राष्ट्रविरोधी गतिविधि में आई कमी

अलग-अलग विचारधाराओं से संबंधित आतंकवाद प्रभावित क्षेत्रों का यह आंकड़ा हाल ही में पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ब्यूरो ने गृह मंत्रालय को सौंपा है। एक साल में प्रभावित थाना क्षेत्रों की संख्या में मामूली गिरावट आई है, लेकिन गिरावट का यह सिलसिला कुछ वर्षों तक कायम रहने पर देश का बड़ा इलाका आतंकवाद मुक्त हो सकता है।

2021 में 13 से ज्यादा थाना क्षेत्र होंगे आतंकवाद मुक्त

सरकार अब 2021 में 13 से ज्यादा थाना क्षेत्रों को आतंकवाद मुक्त बनाने की दिशा में प्रयास कर रही है। इस सिलसिले में सभी केंद्रीय बलों के महानिदेशकों को गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने सरकार के निर्धारित लक्ष्य से अवगत करा दिया है। आतंकवाद ग्रस्त इलाकों में केंद्रीय बल स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर कार्य करते हैं।

अमित शाह ने कहा- आतंकवाद बर्दाश्त नहीं किया जाएगा

गृह मंत्री अमित शाह ने आतंकवाद को बिल्कुल भी बर्दाश्त न करने की नीति पर आगे बढ़ने के लिए कहा है। इससे भारत भी विकसित और सुरक्षित देशों की श्रेणी में आ सकेगा।

2019 में आतंकवाद घटकर 161 थाना क्षेत्रों में सीमित हुआ

2019 में झारखंड के सर्वाधिक 22 जिले आतंकवाद या चरमपंथ से प्रभावित रहे जबकि बिहार के 17 जिले। असम और मणिपुर में 16-16 जिले, ओडिशा और जम्मू-कश्मीर के 15-15 जिले, छत्तीसगढ़ के 14 जिले, नगालैंड के 11 जिले, तेलंगाना के आठ जिले, आंध्र प्रदेश के छह जिले, केरल और पश्चिम बंगाल के पांच-पांच जिले, अरुणाचल प्रदेश, महाराष्ट्र और अरुणाचल प्रदेश के तीन-तीन जिले और मध्य प्रदेश के दो जिले आतंकवाद या अतिवाद से प्रभावित रहे।

2014 में 170, 2016 में आतंकवाद प्रभावित थाना क्षेत्रों की संख्या बढ़कर 188 हो गई थी

वर्ष 2011 में देश के 188 थाना क्षेत्र आतंकवाद या अतिवाद से प्रभावित थे जबकि 2014 में 170 थाना क्षेत्र, लेकिन 2016 में प्रभावित थाना क्षेत्रों की संख्या बढ़कर 188 हो गई थी।


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