मध्य प्रदेश में एक ओर शहर का बदलेगा नाम, नसरल्लागंज का नाम बदलकर भेरंदा किया जाएगा
होशंगाबाद के बाद राज्य सरकार ने मध्य प्रदेश के एक और शहर का नाम बदलने का फैसला किया है। रविवार को सीहोर जिले के नसरल्लागंज दौरे में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने घोषणा की कि नसरल्लागंज का नाम बदलकर भेरंदा किया जाएगा।
भोपाल, जेएनएन। होशंगाबाद (Hoshangabad) के बाद शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने मध्य प्रदेश के एक और शहर का नाम बदलने का फैसला किया है। रविवार को सीहोर जिले के नसरल्लागंज दौरे में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने घोषणा की कि नसरल्लागंज (Nasrullaganj) का नाम बदलकर भेरंदा (Bhernda) किया जाएगा। मुख्यमंत्री माता-पिता की स्मृति में आयोजित प्रेम-सुंदर मेमोरियल क्रिकेट टूर्नामेंट के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे।
गौरतलब है कि यह शहर मुख्यमंत्री (Shivraj Singh Chouhan) के निर्वाचन क्षेत्र बुदनी विधानसभा में आता है। नसरल्लागंज का नाम बदलकर भेरंदा करने की मांग लंबे समय से चली आ रही थी। पिछले दिनों नर्मदा जयंती पर मुख्यमंत्री शिवराज ने होशंगाबाद का नाम नर्मदापुरम करने की घोषणा की थी। नसरल्लागंज का नाम भोपाल नवाब परिवार के सदस्य रहे नसरल्ला खां के नाम पर रखा गया था।
भोपाल की नवाब सुल्तान जहां बेगम ने जब अपने सबसे छोटे बेटे हमीदुल्ला खां को भोपाल रियासत का नवाब बनाया तो उन्होंने अपने दो बड़े बेटों को जागीर सौंपी। नसरल्ला खां को जिस शहर की जागीर सौंपी गई, उसका नाम नसरल्लागंज (Nasrullaganj) रखा गया था।
उल्लेखनीय है कि बीते शुक्रवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने होशंगाबाद शहर का नाम नर्मदापुरम करने का एलान किया था। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को होशंगाबाद स्थित सेठानी घाट पर मां नर्मदा जन्मोत्सव के मौके पर यह घोषणा की थी। उन्होंने घोषणा से पहले पत्नी के साथ मां नर्मदा का अभिषेक और पूजन किया था। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा था कि नर्मदा के तटों को सीमेंट कांक्रीट का जंगल नहीं बनने दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह भी कहा था कि नर्मदा जल की स्वच्छता का पूरा ध्यान रखा जाएगा। नर्मदा के तटों और उसके किनारे बसे नगरों का प्राकृतिक रूप से विकास किया जाएगा। उन्होंने इस दौरान मां नर्मदा का भजन 'मां का भजन सुखदाई, जपो रे मेरे भाई, ये जीवन दो दिन का' भी गाया। बता दें कि होशंगाबाद का नाम पहले नर्मदापुरम ही था लेकिन सन् 1405 ईस्वी में तत्कालीन शासक सुल्तान होशंग शाह घोरी के नाम पर होशंगाबाद कर दिया गया था।