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किसानों के लिए अगले माह दिल्ली में आंदोलन करेंगे अन्ना हजारे, अपने फैसले से केंद्र को कराया अवगत

सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने चेतावनी दी है कि किसानों से जुड़ी उनकी मांगें यदि केंद्र सरकार ने अगले साल जनवरी के अंत तक नहीं मानी तो वह अनशन करेंगे जो उनका आखिरी आंदोलन होगा। उन्होंने कहा कि सरकार सिर्फ खोखले वादे कर रही है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Mon, 28 Dec 2020 10:58 PM (IST)Updated: Tue, 29 Dec 2020 01:45 AM (IST)
किसानों के लिए अगले माह दिल्ली में आंदोलन करेंगे अन्ना हजारे, अपने फैसले से केंद्र को कराया अवगत
किसानों की मांगें मानने के लिए सरकार को दिया है जनवरी अंत तक का समय।

पुणे, प्रेट्र। सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने कहा है कि किसानों से संबंधित उनकी मांगें यदि सरकार ने नहीं मानी तो वह जनवरी में नई दिल्ली में आंदोलन करेंगे। महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में अपने गांव रालेगण सिद्धी में जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि उन्होंने अगले महीने से दिल्ली में आंदोलन करने के फैसले से केंद्र को अवगत करा दिया है। हालांकि विज्ञप्ति में आंदोलन शुरू किए जाने की तारीख का उल्लेख नहीं किया गया है।

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अन्ना ने कहा- मैं तीन वर्षों से किसानों के लिए आवाज उठा रहा हूं, लेकिन सरकार ने कुछ नहीं किया

उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों से वह किसानों के लिए अपनी आवाज उठा रहे हैं, लेकिन सरकार ने उन मसलों के समाधान के लिए कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा कि किसानों से संबंधित मांगों को लेकर वह पहली बार 21 मार्च, 2018 को रामलीला मैदान में अनशन पर बैठे थे। उसके सातवें दिन तत्कालीन केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत तथा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस मिलने आए थे। उस समय मांगें मानने का लिखित आश्वासन दिया गया था, लेकिन कभी पूरा नहीं किया गया।

30 जनवरी, 2019 को रालेगण सिद्धी में तत्कालीन केंद्रीय कृषि मंत्री ने लिखित आश्वासन दिया था

इसी कारण 30 जनवरी, 2019 को रालेगण सिद्धी में अनशन पर बैठे और तब भी तत्कालीन केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह, रक्षा राज्यमंत्री सुभाष भामरे और फड़नवीस ने लिखित आश्वासन दिया। वह भी पूरा नहीं किया गया। इसीलिए मैंने दिल्ली में एकबार फिर आंदोलन करने का फैसला किया है और इसके बारे में केंद्र को पत्र भेजा है।

अन्ना हजारे ने कहा- मोदी सरकार सिर्फ खोखले वादे कर रही है

उन्होंने कहा, 'सरकार सिर्फ खोखले वादे कर रही है, इसलिए अब उसमें मेरा विश्वास नहीं बचा.. देखते हैं सरकार मेरी मांगों पर क्या कार्रवाई करती है। उन्होंने एक महीने का समय मांगा है, इसलिए मैंने उन्हें जनवरी अंत तक का समय दिया है। यदि मेरी मांगें नहीं मानी गईं तो मैं फिर से अनशन करूंगा। यह मेरा आखिरी आंदोलन होगा

अन्ना ने कृषि मंत्री से कहा- स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों को लागू करें, सीएसीपी को दें स्वायत्तता 

14 दिसंबर को अन्ना हजारे ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को पत्र लिखकर कहा था कि यदि एमएस स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों को लागू करने तथा कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) को स्वायत्तता देने जैसी उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वह अनशन करेंगे। उन्होंने किसान संगठनों द्वारा आठ दिसंबर को बुलाए गए भारत बंद के समर्थन में एक दिन का उपवास भी रखा था।

भाजपा नेता बागड़े ने अन्ना को केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के बारे में अवगत कराया

भाजपा के वरिष्ठ नेता तथा महाराष्ट्र विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष हरिभाऊ बागड़े ने हाल ही में अन्ना से मुलाकात कर केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के बारे में उन्हें बताया था।


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