दोबारा मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहतीं आनंदीबेन पटेल
गुजरात भाजपा में अंतर्कलह थमता नजर नहीं आ रहा। इसे शांत करने के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेता ओम माथुर को भेजा गया है। माथुर फिलहाल सरकार में बदलाव से साफ इनकार कर रहे हैं।
शत्रुघ्न शर्मा, अहमदाबाद। गुजरात भाजपा में अंतर्कलह थमता नजर नहीं आ रहा। इसे शांत करने के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेता ओम माथुर को भेजा गया है। माथुर फिलहाल सरकार में बदलाव से साफ इनकार कर रहे हैं। लेकिन मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने अगले चुनाव में सीएम की दौड़ में शामिल नहीं होने की बात कहकर नई अटकलों को जन्म दिया है।
भाजपा गुजरात को अपनी विचारधारा की प्रयोगशाला मानती है। वह अगले विधानसभा चुनाव के बाद भी खुद के सत्ता में आने का दावा करती है। प्रदेश अध्यक्ष पद पर कैबिनेट मंत्री विजय रूपाणी को बिठाने के बाद भी पार्टी में कलह थमने का नाम नहीं ले रही है।
मतभेद की बात खुद ओम माथुर मान रहे हैं तथा जल्द इसे सुलझाने का भी दावा करते हैं। लेकिन मंत्रिमंडल में बड़े फेरबदल तथा बोर्ड निगम में नियुक्तियों के बगैर वरिष्ठ कार्यकर्ताओं का एक साथ होना मुश्किल लगता है। आनंदीबेन पटेल ने साफ कर दिया है कि वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव दौरान वह मुख्यमंत्री की दौड़ में नहीं होंगी।
बढ़ती उम्र का हवाला देते हुए उन्होंने यह भी कहा कि पुत्री अनार पटेल सामाजिक सेवा कार्य से जुड़ी हैं उन्हें राजनीति में रुचि नहीं है। मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद प्रदेश में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। जिला पंचायत चुनाव में करारी हार से प्रदेश भाजपा की पकड़ ढीली हुई है। इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने पार्टी की दशा व दिशा को संभालने के लिए ओम माथुर को भेजा है।
बताया जा रहा है कि माथुर गुजरात के राजनीतिक हालात की रिपोर्ट सीधे पीएम को देंगे। इसके चलते दो दिन से भाजपा के प्रदेश व जिला पदाधिकारियों का उनसे मिलने को तांता लगा हुआ है। माथुर भाजपा विधायक व सांसदों से भी मुलाकात कर सरकार पर फीडबैक लेंगे ताकि पार्टी की जमीनी स्तर तक सर्जरी की जा सके।
सरकार ने अनार पटेल पर लगे आरोपों को काल्पनिक बताया
गुजरात सरकार ने मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल की बेटी अनार पटेल पर निजी कंपनी को जमीन बेचने में गड़बड़ी के आरोप को खारिज किया है। उसने हाईकोर्ट में दाखिल हलफनामे में अनार पटेल पर लगे आरोपों को काल्पनिक बताया है।
एक आरटीआई कार्यकर्ता की जनहित याचिका के जवाब में राजस्व विभाग ने यह हलफनामा दाखिल किया। इसमें कहा गया है कि राज्य सरकार द्वारा लिया गया फैसला सही है। यह राज्य के पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने की नीतियों के अनुरूप लिया गया है।
गौरतलब है कि अमरेली जिले के पाटला गांव में सस्ती दर पर सरकारी जमीन वाइल्डवुड्स रिसोर्ट एंड रीयलिटीज को दी गई। आरोप है कि कंपनी का मालिक अनार पटेल का बिजनेस पार्टनर है। कंपनी को जमीन 15 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से दी गई जबकि इसका बाजार मूल्य 180 रुपये प्रति वर्ग मीटर था।