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power crisis: कोयला-बिजली संकट का गृह मंत्रालय ने लिया जायजा, जानें- क्‍यों घटा कोयले का स्‍टॉक?

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बिजली मंत्री आर के सिंह और कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी के साथ बैठक की। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक बैठक में नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन (एनटीपीसी) पावर और कोल मिनिस्ट्री के अधिकारी भी शामिल हुए।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Mon, 11 Oct 2021 03:13 PM (IST)Updated: Mon, 11 Oct 2021 11:18 PM (IST)
power crisis: कोयला-बिजली संकट का गृह मंत्रालय ने लिया जायजा, जानें- क्‍यों घटा कोयले का स्‍टॉक?
अमित शाह ने सोमवार को कोयला और बिजली मंत्रालयों के प्रभारी अपने कैबिनेट सहयोगियों से मुलाकात की।(फोटो एएनआई)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बिजली संकट को लेकर गहराई आशंका के बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सोमवार को बिजली व कोयले की आपूर्ति का जायजा लिया। हालांकि मंत्रालय की तरफ से कोई निर्देश जारी नहीं किया गया है। लेकिन सूत्रों का कहना है कि बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, बिजली मंत्री आरके सिंह और कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी के बीच कोयला संकट और बिजली आपूर्ति के सभी पहलुओं पर विस्तार से चर्चा हुई। बैठक में कोयला मंत्रालय से कहा गया है कि बिजली संयंत्रों को अधिक से अधिक कोयले की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) के आंकड़ों के मुताबिक बिजली प्लांट के पास कोयले के स्टाक में बढ़ोतरी होती दिख रही है।

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देशभर के 115 बिजली प्लांट में से अब 107 के पास पांच या इससे कम दिन का कोयला स्टाक उपलब्ध है। इसी महीने दो अक्टूबर को सिर्फ 72 प्लांट के पास तीन दिनों का कोयला उपलब्ध था। उस समय करीब 50 संयंत्रों के पास चार से 10 दिनों का कोयला बचा था।इस बीच, बिजली मंत्रालय ने सभी बिजली वितरण कंपनियों को बिजली खपत की अनिवार्य रूप से अकाउंटिंग कराने के लिए कहा है। बिजली अकाउंटिंग से यह पता लग जाता है कि किस सेक्टर में बिजली की कितनी खपत हो रही है और किन सेक्टर में बिजली का नुकसान हो रहा है और कहां बिजली की चोरी हो रही है। इससे फायदा यह होगा कि उन इलाकों के अधिकारी को इस नुकसान और चोरी को रोकने के लिए जिम्मेदार ठहराया जाएगा।

कई राज्यों ने बिजली कटौती की चेतावनी दी

कई राज्यों ने कोयले की भारी कमी के मद्देनजर बिजली कटौती की चेतावनी दी है, लेकिन कोयला मंत्रालय ने कहा है कि बिजली उत्पादन प्लांट की मांग को पूरा करने के लिए देश में पर्याप्त ड्राई फ्यूल उपलब्ध है और पावर सप्लाई में किसी भी तरह के व्यवधान की खबरों को खारिज कर दिया। रविवार को एक बयान में, कोयला मंत्रालय ने कहा था कि कोयले से चलने वाले प्लांट में मौजूदा ईंधन स्टॉक लगभग 7.2 मिलियन टन है, जो चार दिनों के लिए पर्याप्त है।

वहीं देशभर में कोयले की आपूर्ति में कमी पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जितनी बिहार की ज़रूरत है उस हिसाब से या तो हमें एनटीपीसी से मिलता है या फिर प्राइवेट कंपनियों से लेते थे। इन कंपनियों से जितनी आपूर्ति का प्रावधान था, वह नहीं हो पा रही है। इसके चलते समस्या आई है।

इस मुद्दे पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि केंद्र सरकार एक तरफ दावा करती है कि कोयले की कोई कमी नहीं है, दूसरी तरफ पॉवर प्लांट लगातार बंद होते जा रहे हैं। केंद्र सरकार जो दावा कर रही है उसमें कोई सच्चाई नहीं है। विदेश से जो कोयला आ रहा था वो भी बंद हो गया। केंद्र सरकार कर क्या रही है?

वहीं दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, देशभर में कोयले की आपूर्ति में कमी परहम केंद्र के साथ मिलकर पूरी कोशिश कर रहे हैं। हम नहीं चाहते किसी भी तरह की आपात स्थिति पैदा हो। इस समय पूरे देश में स्थिति काफी नाज़ुक है। कई मुख्यमंत्री इस बारे में केंद्र सरकार को पत्र लिख चुके हैं।

ऊर्जा मंत्री ने कहा बिजली की कोई कमी नहीं

केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने रविवार को कहा कि दिल्ली में बिजली की कोई कमी नहीं है और आश्वासन दिया कि आगे भी कोयले की आपूर्ति बनी रहेगी। सिंह ने कहा कि देश प्रतिदिन कोयले की औसत आवश्यकता से चार दिन आगे है। यहां हम आपको ये भी बता दें कि कोयला मंत्रालय के नेतृत्व में एक इंटर मिनिस्ट्रियल सब ग्रुप सप्ताह में दो बार देश में कोयला स्टॉक की स्थिति की निगरानी कर रहा है।

क्‍यों घटा कोयले का स्‍टॉक?

बिजली संयंत्रों में कोयले के भंडार में कमी होने के चार कारण हैं। इनमें अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार के कारण बिजली की मांग में अभूतपूर्व बढ़ोतरी, कोयला खदानों में भारी बारिश से कोयला उत्पादन और ढुलाई पर प्रतिकूल प्रभाव, आयातित कोयले की कीमतों में भारी बढ़ोतरी और मॉनसून से पहले पर्याप्त कोयला स्टॉक न करना शामिल हैं।

जानें- संकट टालने के लिए क्या हो रहा है उपाय

बता दें कि कोयल इंडिया लिमिटेड इस महीने की शुरुआत में हर दिन 14 लाख टन कोयले की आपूर्ति कर रही थी जो 7 अक्टूबर से हर दिन 15 लाख टन की आपूर्ति का लक्ष्य पूरा करने में जुटी है। कोल इंडिया लिमिटेड और नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड कोयला उत्पादन बढ़ाने में जुटी हैं। इसके अलावा, सरकार कुछ और कोयला खादानों में उत्पादन बहाल करना चाह रही है। साथ ही, अंतरराष्ट्रीय कीमत में रिकॉर्ड इजाफे के बावजूद विदेशों से कोयला आयात करने का निर्णय किया गया है। 


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