Move to Jagran APP

ओमिक्रान वैरिएंट के बढ़ते खतरे के बीच लोगों को बूस्टर डोज पर फैसला होगा विस्तृत अध्ययन के बाद

कोरोना महामारी से और अधिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए लोगों को बूस्टर डोज देने का निर्णय ओमिक्रोन वैरिएंट पर मौजूदा वैक्सीन के प्रभाव का पता चलने के बाद ही किया जाएगा। सोमवार को एनटागी की बैठक में यह तय किया गया।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Wed, 08 Dec 2021 09:28 PM (IST)Updated: Wed, 08 Dec 2021 09:28 PM (IST)
ओमिक्रान वैरिएंट के बढ़ते खतरे के बीच लोगों को बूस्टर डोज पर फैसला होगा विस्तृत अध्ययन के बाद
बूस्टर डोज देने का निर्णय ओमिक्रोन वैरिएंट पर मौजूदा वैक्सीन के प्रभाव का पता चलने के बाद किया जाएगा

 नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कोरोना महामारी से और अधिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए लोगों को बूस्टर डोज देने का निर्णय ओमिक्रोन वैरिएंट पर मौजूदा वैक्सीन के प्रभाव का पता चलने के बाद ही किया जाएगा। सोमवार को एनटागी (नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप आन इम्युनाइजेश) की बैठक में यह तय किया गया। बूस्टर डोज को लेकर चर्चा के दौरान कई विशेषज्ञों ने ओमिक्रोन वैरिएंट पर मौजूदा वैक्सीन के प्रभाव की जांच की बात कही।

loksabha election banner

एनटागी की बैठक में विशेषज्ञों ने प्रभाव की समीक्षा की जरूरत पर दिया जोर

स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एनटागी की बैठक में मुख्य रूप से गंभीर रोगों से ग्रस्त वयस्कों को बूस्टर डोज देने पर विचार किया जाना था, जिनमें शरीर की प्रतिरक्षा कमजोर हो जाती है। ओमिक्रोन वैरिएंट को देखते हुए ऐसे वयस्कों के लिए बूस्टर डोज की जरूरत बढ़ गई थी लेकिन बैठक में कुछ विशेषज्ञों ने मौजूदा वैक्सीन के ओमिक्रोन पर प्रभाव को लेकर पहले आश्वस्त होने की बात कही। समस्या यह थी कि ओमिक्रोन वैरिएंट पर मौजूदा वैक्सीन के प्रभाव को लेकर एनटागी के पास कोई डाटा ही नहीं था।

बच्चों का टीकाकरण शुरू करने का निर्णय भी इसी आधार पर टला

जाहिर है क‍ि बैठक में एनटागी ने मौजूदा वैक्सीन के प्रभाव का वैज्ञानिक डाटा आने तक बूस्टर डोज के फैसले को टाल दिया। स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी के अनुसार एनटागी के फैसले को देखते हुए नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वायरोलाजी (एनआइवी) पुणे को कोवैक्सीन, कोविशील्ड और जायकोव-डी तीनों वैक्सीन की ओमिक्रोन वैरिएंट पर प्रभाव की जांच करने के लिए कहा गया है। एनआइवी यह पता लगाएगा कि वैक्सीन की सिर्फ एक या दोनों डोज लेने वाले लोग कोरोना के नए वैरिएंट से कितने सुरक्षित हैं। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एक बार वैज्ञानिक डाटा उपलब्ध होने के बाद एनटागी बूस्टर डोज पर नए सिरे से विचार करेगी। बच्चों के टीकाकरण के फैसले को भी इसी आधार पर टाल दिया गया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.