अमेरिकी शख्स का दावा- आधार डाटाबेस का दुरुपयोग है संभव
यूआइडीएआइ ने आधार की सुरक्षा में चूक की खबर का खंडन करते हुए डेटा लीक की बात को नकारा है।
नई दिल्ली, एएनआइ। आधार डाटाबेस का 'गलत इस्तेमाल' हो सकता है या नहीं, इसको लेकर अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं। यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूआइडीएआइ) का दावा है कि आधार डाटाबेस पूरी तरह से सुरक्षित है। यूआइडीएआइ द्वारा किए गए दावे के एक दिन बाद ही इस पर सवाल उठाते हुए अमेरिकी विसल्ब्लोअर एडवर्ड स्नोडेन ने शुक्रवार को कहा कि भारत सरकार द्वारा गठित आधार डाटाबेस का गलत इस्तेमाल और दुरुपयोग किया जा सकता है।
भारत में आधार डेटाबेस के दुरुपयोग में मुद्दे पर खड़े हुए बवाल की रिपोर्ट पर सीबीएस के पत्रकार जैक व्हिटाकर की प्रतिक्रिया का हवाला देते हुए, स्नोडेन ने कहा, 'लोगों के निजी जीवन के पूर्ण रिकॉर्ड रखने की इच्छा सरकार की निजी स्वाभाविक प्रवृत्ति है। लेकिन इतिहास बताता है कि कानून चाहे जो भी हो, इसका उल्लंघन होता रहा है।'
व्हिटाकर ने पहले कहा था, 'आईसीआईएमआई. भारत में लगभग 1.2 अरब नागरिकों की निजी जानकारी के साथ एक राष्ट्रीय आईडी डेटाबेस है। इसका कथित रूप से दुरुपयोग हो रहा है। एडमिन अकाउंट्स बनाये जा सकते हैं और डेटाबेस का एक्सेस मिल रहा है, बज़फिड की रिपोर्ट है।'
बता दें कि यूआइडीएआइ ने आधार की सुरक्षा में चूक की खबर का खंडन करते हुए डेटा लीक की बात को नकारा है। एक खबर में दावा किया गया था कि 500 रुपये में एक एजेंट आइडी और पासवर्ड देकर किसी की निजी जानकारी मुहैया करा रहा है। लेकिन, यूआइडीएआइ ने इस रिपोर्ट का खंडन किया है। इसका कहना है कि किसी का आधार नंबर या एनरोलमेंट नंबर खो जाने पर उसकी जानकारी जुटाई जा सकती है। इससे केवल नाम और कुछ जानकारियां हासिल की जा सकती हैं। बायोमेट्रिक जानकारियां नहीं। बायोमेट्रिक डेटाबेस पूरी तरह सुरक्षित है और इसमें सेंध नहीं लगाया जा सकता है।
यूआइडीएआइ ने कहा कि इस सुविधा का इस्तेमाल करने वाले लोगों की भी जानकारी रखी जाती है और उनका पता लगाया जा सकता है। ऐसे में उसका गलत इस्तेमाल करने वालों का पता लगाना मुश्किल नहीं होगा। इस मामले में एफआइआर दर्ज करवाकर कानूनी कार्रवाई शुरू की जा रही है।
आधार का डाटा लीक होने की खबरें ऐसे वक्त आ रही हैं, जब सुप्रीम कोर्ट 17 जनवरी को गोपनीयता संबंधी चिंताओं के आधार पर 'आधार कार्यक्रम' की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं की अंतिम सुनवाई शुरू करने की तैयारी कर रही है। अगस्त 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गोपनीयता संविधान के अंतर्गत एक मौलिक अधिकार है।
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