भारत को अलग से भी वैक्सीन देगा अमेरिका, एनएसए ने कहा- बाइडन भारत को वैक्सीन देने को लेकर प्रतिबद्ध
राष्ट्रपति जो बाइडन भारत को कोरोना वैक्सीन की आपूर्ति के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह सिर्फ क्षेत्रीय आधार पर दी जा रही वैक्सीन आपूर्ति के तहत नहीं होगी बल्कि अलग से भी कोवैक्स के जरिए भारत को वैक्सीन दी जाएगी।
जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। अमेरिकी सरकार की तरफ से गुरुवार को भारत और कुछ दूसरे एशियाई देशों को पहले चरण में कोरोना रोधी वैक्सीन की कुल 70 लाख डोज देने का एलान किया गया है। भारत को मिलने वाली अमेरिकी वैक्सीन की यह सिर्फ शुरुआत है। अमेरिका दूसरे देशों को कुल आठ करोड़ डोज देने वाला है, जिसका एक बड़ा हिस्सा भारत को मिलने की उम्मीद है। इसके अलावा अमेरिका भारत को अलग से भी वैक्सीन देगा, जिसके लिए बातचीत चल रही है।
कच्चे माल की आपूर्ति की बाधा होगी दूर
अमेरिका ने भारत में वैक्सीन उत्पादन के लिए कच्चे माल की आपूर्ति की राह की प्रमुख बाधा यानी रक्षा संशोधन कानून को भी हटाने का फैसला किया है। कोविड को लेकर अमेरिकी सरकार की तरफ से गठित रिस्पांस टीम की कोआर्डिनेटर गायले स्मिथ ने भारतीय मीडिया के साथ एक वार्ता में इस बारे में स्थिति स्पष्ट की। साथ ही अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) जेक सुलिवन ने भी इस बारे में भारत को आश्वस्त किया है।
भारत को दी जाने वाली वैक्सीन पर फैसला वार्ता से तय होगा, पहले चरण में मिलेगी 25 लाख डोज
भारत को उम्मीद है कि पहले चरण में अमेरिका की तरफ से दी जाने वाली 2.5 करोड़ वैक्सीन में से 25 लाख के करीब उसे मिलेगी। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कुल आठ करोड़ वैक्सीन दुनिया के तमाम देशों को देने का एलान किया था। इसके पहले चरण में 2.5 करोड़ वैक्सीन दी जा रही है, जिसमें से 70 लाख भारत, नेपाल, बांग्लादेश और अन्य एशियाई व पूर्वी एशियाई देशों को दिया जाएगा। इस बारे में पूछने पर स्मिथ ने कहा कि, 'भारत को दी जाने वाली वैक्सीन की संख्या पर फैसला दोनों देशों के बीच चल रही बातचीत से तय होगा। यह नंबर कितना होगा मैं नहीं बता सकती, लेकिन अच्छी खासी होगी।'
एनएसए सुलिवन ने कहा- बाइडन भारत को कोरोना वैक्सीन की आपूर्ति के लिए प्रतिबद्ध
वहीं, सुलिवन ने कहा, 'राष्ट्रपति जो बाइडन भारत को कोरोना वैक्सीन की आपूर्ति के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह सिर्फ क्षेत्रीय आधार पर दी जा रही वैक्सीन आपूर्ति के तहत नहीं होगी बल्कि अलग से भी कोवैक्स के जरिए भारत को वैक्सीन दी जाएगी। राष्ट्रपति चाहते हैं कि भारत को अलग से वैक्सीन की आपूर्ति हो।'
दूसरे देशों को मिलने वाली आठ करोड़ में से अमेरिका भारत को 5.5 करोड़ वैक्सीन और देगा
भारतीय अधिकारियों का भी कहना है कि क्षेत्रीय आधार पर अमेरिकी वैक्सीन आपूर्ति की यह शुरुआत है। वह अभी आठ करोड़ में से 5.5 करोड़ वैक्सीन और देगा। यह भी ध्यान रखना चाहिए कि भारत बड़े पैमाने पर वैक्सीन का उत्पादन कर रहा है। जबकि, ज्यादातर दूसरे देश ऐसे हैं जहां वैक्सीन बनाने की कोई सुविधा नहीं है। भारत से भी ऐसे देशों को वैक्सीन मिलनी बंद हो गई है। इन देशों को अब अमेरिका से वैक्सीन मिल सकती है।
जयशंकर ने भी की थी व्यापक चर्चा
अमेरिका ने यह भी कहा है कि वह वैक्सीन उत्पादन में इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल की आपूर्ति करेगा। इसके लिए आवश्यक कानूनी कदम उठाएगा। सनद रहे कि हाल ही में जब विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका की यात्रा की थी तो वैक्सीन सहयोग को लेकर काफी विस्तार से बात हुई थी। जयशंकर ने वहां के विदेश मंत्री और एनएसए दोनों से अलग-अलग वैक्सीन आपूर्ति के तमाम आयामों पर बात की थी।