वैलेंटाइन-डे का कथित विरोध करते हुए युवती को डंडा लेकर दौड़ाया, आईजी ने की ऐसी कार्रवाई
छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में वैलेंटाइन-डे के दिन विरोध के नाम पर दहशतगर्दी करने वाले युवकों के खिलाफ आइजी ने सीधी कार्रवाई की है।
रायपुर, एजेंसी। छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में वैलेंटाइन-डे के दिन विरोध के नाम पर दहशतगर्दी करने वाले युवकों के खिलाफ आइजी ने सीधी कार्रवाई की है। इस मामले में आईजी के निर्देश पर ड्यूटी में लापरवाही बरतने वाले चार पुलिस कर्मियों को निलंबित भी किया गया है। घटना के बाद सामने आए वायरल वीडियो के आधार पर आरोपितों की पहचान कर उनके खिलाफ कई गंभीर धाराओं में अपराध दर्ज किए गए हैं।
बता दें कि कुछ वर्ष पूर्व प्रदेश की राजधानी रायपुर में भी वैलेंटाइन-डे का विरोध कर रहे कुछ युवकों ने एक युवती को बुरी तरह पीटा था। इस घटना को लेकर राज्य पुलिस की जमकर किरकिरी हुई थी। मामले में कई दोषियों के खिलाफ कार्रवाई भी हुई थी। अम्बिकापुर की घटना में सामने आए वीडियो में युवकों का झुंड गाली-गलौच करते हुए एक युवती को डंडा लेकर दौड़ाता नजर आ रहा है। इस वीडियो के सामने आने के बाद नईदुनिया/जागरण ने खबर प्रकाशित की थी। इस घटना को गंभीरता से लेते हुए सरगुजा आइजी रतन लाल डांगी ने जांच के निर्देश दिए थे।
पूरे प्रकरण की जांच के बाद आखिरकार एसपी आशुतोष सिंह ने प्रथम दृष्टया ड्यूटी में तैनात चार पुलिस अधिकारी-कर्मचारी की लापरवाही पाई। इन सभी की ड्यूटी संजय पार्क में शांति, सुरक्षा व कानून व्यवस्था के लिए लगाई गई थी। एसपी आशुतोष सिंह ने बताया कि एक महिला, एक पुरुष आरक्षक के साथ दो पुलिस अधिकारियों को भी निलंबित किया गया है। उन्होंने कहा कि मामले में एफआइआर भी होगी और नामजद आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भी भेजा जाएगा।
जांच के बाद नामजद हो रही एफआइआर
एसपी आशुतोष सिंह ने बताया कि पूरे प्रकरण की जांच के बाद तीन-चार लोगों के नाम का पता चल चुका है। उनके खिलाफ नामजद एफआइआर कोतवाली अंबिकापुर में दर्ज की जा रही है। जो घटना हुई, यह स्वीकार योग्य नहीं है। ऐसी घटनाओं में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। किसी भी स्थिति में शहर की शांति, सुरक्षा व कानून व्यवस्था में खलल डालने वालों को स्वीकार नहीं किया जाएगा। गुंडागर्दी भी बर्दास्त नहीं की जाएगी।
प्रकरण को दबाने में लगे थे कुछ अधिकारी
मामला उजागर होने के बाद अपना दामन बचाने के लिए कुछ पुलिस अधिकारी प्रकरण को दबाने में लगे हुए थे। बताया जा रहा है कि संबंधित अधिकारियों द्वारा वायरल वीडियो की वैधानिकता पर सवाल उठा यह बताने का प्रयास किया जा रहा था कि वीडियो इस साल का नहीं है। अपने स्तर पर पूरे मामले को दबाने की कोशिश करने वालों को उस वक्त तगड़ा झटका लगा, जब एसपी आशुतोष सिंह ने खुद जांच को लेकर गंभीरता दिखाई और संपूर्ण तथ्यों से अवगत कराने का निर्देश दिया। लापरवाही पर चार पुलिस अधिकारी-कर्मचारी सस्पेंड हुए हैं और अब नामजद आरोपितों की धरपकड़ की तैयारी शुरू हो गई है।