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गैरपेशेवर खोजी दल ने किया वुहान लैब के राज़ का पर्दाफाश करने का दावा, यहीं से कोरोना फैलने का दुनिया को शक

पिछले करीब डेढ़ साल से पूरी दुनिया में इस को लेकर चर्चा जारी है कि आखिर कोरोना वायरस कहां से आया?। हर बार शक की सूई चीन और वुहान स्थित उसकी वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी(wuhan Institute of Virology) पर जाकर ही अटकती रही है।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Fri, 04 Jun 2021 07:28 AM (IST)Updated: Fri, 04 Jun 2021 07:28 AM (IST)
गैरपेशेवर खोजी दल ने किया वुहान लैब के राज़ का पर्दाफाश करने का दावा, यहीं से कोरोना फैलने का दुनिया को शक
चीन के वुहान में स्थित वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (फोटो: दैनिक जागरण)

नई दिल्ली, आइएएनएस। घातक कोरोना वायरस की उत्पत्ति का जवाब तलाशने के लिए जब दुनिया भर के कई देश और खुफिया एजेंसियां हाथ पांव मार रही हैं ऐसे में एक गैरपेशेवर खोजी दल डीआरएएसटीआइसी (ड्रास्टिक) चीन के वुहान शहर में स्थित वुहान इंस्टीट्यूट आफ वाइरोलाजी के काले रहस्यों को उजागर करने का दावा किया है। मीडिया रिपोर्ट में बताया गया कि डिसेंट्रलाइज रेडिकल आटोनामस सर्च टीम (डास्टि्रक) ने खुद के दम पर सार्स-सीओवी-2 की उत्पत्ति का पता लगा लिया है। सीमित संसाधनों का इस्तेमाल करते हुए इस जांच टीम ने पता किया है कि वुहान की लैब में चमगादड़ों की गुफाओं से कई वर्षों में जुटाए गए कोरोना वायरस का बड़ा भंडार था। जिस वायरस से दुनिया में महामारी फैली उसके जैसे वायरस, चमगादड़ों के निवास वाली एक खदान से जुटाए गए थे। 

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बताते हैं कि 2012 में एक खदान में कोरोना जैसी बीमारी की चपेट में आकर तीन लोगों की मौत हो गई थी।न्यूजवीक ने बुधवार को इस खोजी दल के हवाले से बताया कि हमें पता है कि वुहान लैब में अपर्याप्त सुरक्षा प्रोटोकाल के बीच इन वायरस पर जोर-शोर से शोध चल रहा था। किन्हीं कारणों से जब इन वायरस से महामारी फैली तब लैब और चीन की सरकार ने इस मामले को दबाने का भरपूर प्रयास किया। 

रिपोर्ट के अनुसार, हुआनान वेट मार्केट (मांस-मछली का बाजार) में महामारी फैलने से हफ्तों पहले कोरोना के शुरुआती मामले सामने आ गए थे। पहले यही माना जाता था कि हुआनान वेट मार्केट से ही महामारी फैली। ड्रास्टिक ने जो साक्ष्य जुटाए हैं उनसे इस बात की भरपूर गुंजाइश है कि इस पूरे मामले की गहराई से जांच की जाए।

रिपोर्ट में कहा गया कि अभी यह स्प्ष्ट नहीं है कि अमेरिका और कुछ अन्य देशों द्वारा वुहान लैब से कोरोना फैलने की अवधारणा की एकमत से जांच हो पाएगी, वह भी चीन के सहयोग के बिना, जो कि असंभव है। उल्लेखनीय है अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन के पूर्व प्रमुख ने हाल ही में कहा था कि इस बात के बहुत कम प्रमाण हैं कि कोरोना वायरस स्वाभाविक रूप से विकसित हुआ या किसी जानवर से मनुष्यों में आया। इससे इस तर्क को बल मिलता है कि यह वायरस किसी प्रयोगशाला में उत्पन्न हुआ।

हाल ही में एक अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि नवंबर 2019 में चीन के वुहान इंस्टीट्यूट आफ वायरोलॉजी के तीन शोधकर्ता गंभीर रूप से बीमार हो गए थे जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।


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