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Per Drop More Crop: कृषि सिंचाई योजना के तहत चार हजार करोड़ का आवंटन

मंत्रालय ने बताया कि नाबार्ड के जरिये पांच हजार करोड़ रुपये का माइक्रो इरिगेशन फंड कॉर्पस भी तैयार किया गया है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Wed, 10 Jun 2020 11:56 PM (IST)Updated: Thu, 11 Jun 2020 12:56 AM (IST)
Per Drop More Crop: कृषि सिंचाई योजना के तहत चार हजार करोड़ का आवंटन
Per Drop More Crop: कृषि सिंचाई योजना के तहत चार हजार करोड़ का आवंटन

नई दिल्ली, आइएएनएस। केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत 'पर ड्रॉप मोर क्रॉप' (हर बूंद से ज्यादा उपज) के मद में चालू वित्त वर्ष में राज्यों के लिए 4,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया है। कृषि मंत्रालय की ओर से जारी बयान में यह जानकारी दी गई है। मंत्रालय ने बताया कि कुछ राज्यों को यह राशि देने का काम भी शुरू हो गया है।

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सिंचाई योजना के तहत 'पर ड्रॉप मोर क्रॉप' के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर को-ऑपरेशन एंड फार्मर्स वेलफेयर को दी गई है। इसका लक्ष्य ड्रिप व छिड़काव के जरिये सिंचाई की विभिन्न तकनीकों के माध्यम से किसानों को कम पानी में ज्यादा खेत की सिंचाई करने में सक्षम बनाना है। लघु सिंचाई (माइक्रो इरिगेशन) की इन तकनीकों से न केवल पानी की बचत होती है, बल्कि उर्वरक और श्रम भी कम लगता है। यह तकनीक अन्य लागत में भी कटौती करने में मददगार है।

किसानों को प्रोत्साहित किया जाएगा

मंत्रालय ने बताया कि नाबार्ड के जरिये पांच हजार करोड़ रुपये का माइक्रो इरिगेशन फंड कॉर्पस भी तैयार किया गया है। इस फंड का उद्देश्य राज्यों को माइक्रो इरिगेशन की दिशा में कदम बढ़ाने में मदद देना है। इसके तहत किसानों को माइक्रो इरिगेशन की तकनीकों को अपनाने के लिए भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। अब तक इस फंड से नाबार्ड के जरिये आंध्र प्रदेश को 616.14 करोड़ रुपये और तमिलनाडु को 478.79 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। 2015-16 से 2019-20 के पांच साल में 'पर ड्रॉप मोर क्रॉप' के माध्यम से 46.96 हेक्टेयर जमीन पर माइक्रो इरिगेशन की तकनीक अपनाई गई है।

वहीं, दूसरी ओर उत्तर बिहार सहित सूबे में 15 जून तक मानसून की दस्तक देने की संभावना है। यह जानकारी डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विवि के मौसम वैज्ञानिक डॉ. ए सत्तार ने दी। दैनिक जागरण से विशेष बातचीत में कहा कि अभी दो दिनों में उत्तर-पूर्वी भारत के असोम, त्रिपुरा, मेघालय में मॉनसून सक्रिय होगा। बिहार में 15 जून को इसका प्रवेश होगा।


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