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कुंभ 2019: प्रयागराज में जुटेंगे 100 से ज्यादा देश, नैनी जेल में बनेगा वर्ल्ड रिकॉर्ड

वॉल पेंटिंग के जरिए सरकार पूरी दुनिया को भारतीय संस्कृति, सभ्यता, परंपराओं, गौरवशाली इतिहास और आर्ट से रूबरू कराएगी। इसके लिए इलाहाबाद में इन दिनों काम जोरों पर चल रहा है।

By Amit SinghEdited By: Published: Sat, 24 Nov 2018 06:02 PM (IST)Updated: Sun, 25 Nov 2018 09:28 AM (IST)
कुंभ 2019: प्रयागराज में जुटेंगे 100 से ज्यादा देश, नैनी जेल में बनेगा वर्ल्ड रिकॉर्ड
कुंभ 2019: प्रयागराज में जुटेंगे 100 से ज्यादा देश, नैनी जेल में बनेगा वर्ल्ड रिकॉर्ड

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। अगले साल जनवरी 2019 में प्रयागराज में लगने वाला कुंभ मेला नाम से ही नहीं, अपने आकार, झलक और श्रद्धालुओं के लिहाज से भी कुंभ साबित होने वाला है। कुंभ मेले को यादगार बनाने के लिए यहां यूपी सरकार ने पूरी ताकत झोंक रखी है, वहीं केंद्र सरकार की तरफ से भी पूरा सहयोग किया जा रहा है। इलाहाबाद का ये कुंभ मेला वैसे तो वैश्विक है, लेकिन इस बार इस मेले में सरकार की तरफ से 100 से ज्यादा देशों को शिरकत करने के लिए न्यौता भेजा गया है। इस दौरान प्रयागराज स्थित सेंट्रल जेल में एक अनोखा विश्व रिकॉर्ड कायम करने की भी योजना है।

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प्रयागराज में लगने वाले कुंभ मेले को वर्ष 2017 में यूनेस्को द्वारा ‘मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत’ की प्रतिनिधि सूची में मान्यता प्रदान की गई है। हिंदू धर्म में कुंभ का विशेष स्थान है। इस दौरान देश-विदेश से श्रद्धालु कुंभ में शामिल होने के लिए हरिद्वार, इलाहाबाद, उज्जैन व नासिक में स्नान करने के लिए आते हैं। कुंभ पर्व 12 वर्ष के अंतराल में आता है। प्रयाग में दो कुंभ मेलों के बीच में छह वर्ष के अंतराल में अर्धकुंभ भी आयोजित किया जाता है। जनवरी 2019 में होने वाला स्नान अर्धकुंभ ही होगा।

कुंभ को यादगार बनाने के लिए इन दिनों पूरे शहर को खूबसूरत वॉल पेंटिंग बनाकर सजाया जा रहा है। इसके लिए यहां पांच विशेषज्ञ एजेंसियों को सराकर की तरफ से लगाया गया है। वॉल पेंटिंग के जरिए सरकार पूरी दुनिया को भारतीय संस्कृति, सभ्यता, परंपराओं, गौरवशाली इतिहास और आर्ट से रूबरू कराएगी। इसके जरिए देश में पर्यटन (विशेषकर धार्मिक) बढ़ाने पर भी जोर दिया जाएगा। पेंटिगं में धार्मिक घटनाओं को विशेष तौर पर शामिल किया गया है। इसके लिए इस बार तकरीबन पूरे शहर, मेला स्थल, सभी टेंट, मेला स्थल पर बनने वाले सरकारी व गैर सरकारी कार्यालय आदि को भी खूबसूरत पेटिंग से सजाया जा रहा है।

नैनी जेल में बन रहा वर्ल्ड रिकॉर्ड
कुंभ से ठीक पहले इलाहाबाद के सेंट्रल नैनी जेल में एक विश्व रिकॉर्ड बनाने की कवायद शुरू कर दी गई है। इलाहाबाद को खूबसूरत चित्रकारी से सजाने वाली कंपनियों में एक नोएडा की मशहूर आर्ट कंपनी इनसॉल भी है। इनसॉल के निदेशक विशाल श्रीवास्तव ने बताया कि उनकी कंपनी को नैनी जेल की दीवार पर भी चित्रकारी करने का काम मिला है। उनकी योजना दीवार पर दुनिया की सबसे बढ़ी धार्मिक पेटिंग बनाने की है। इसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में बतौर लारजेस्ट रिलीजियस पेंटिंग के तौर पर दर्ज कराया जाएगा। इसके लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड को सूचित कर दिया गया है।

50 ऑर्टिस्टों की टीम कर रही काम
इनसॉल की क्रिएटिव हेड पूजा श्रीवास्तव ने बताया कि अलग-अलग थीम पर उनके 100 आर्टिस्टों की टीम शहर के अलग-अलग स्थानों पर काम कर रही है। नैनी जेल की दीवार पर दुनिया की सबसे बड़ी धार्मिक पेंटिंग बनान के लिए 50 ऑर्टिस्टों की टीम काम कर रही है। इस दीवार की लंबाई तकरीब 5000 फुट और ऊंचाई औसतन 20 फुट है। इस पर पेटिंग बनाने का आधे से ज्यादा काम हो चुका है। जल्द ही शेष काम भी पूरा कर लिया जाएगा। इस दीवार पर समुंद्र मंथन की थीम को दर्शाया जा रहा है। दीवार पर पूरे समुंद्र मंथन की कहानी पेंटिंग के जरिए बताई जाएगी। उम्मीद है कि गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड द्वारा इस पेंटिंग को दुनिया की सबसे बड़ी धार्मिकं पेंटिंग के तौर पर मान्यता दी जाएगी।

इन 11 थीम पर हो रही वॉल पेंटिंग
1. विशिष्ट व्यक्ति जैसे मदन मोहन मालवीय, जवाहर लाला, चंद्रशेखर आजाद, मेजर ध्यानचंद आदि।
2. जैव विविधता गंगा नदी में वनस्पति और जीव आदि।
3. गंगा के महत्वपूर्ण घाट।
4. गंगा किनारे बने ऐतिहासिक किले आदि।
5. गंगा नदी पर बने कुछ ऐतिहासिक व बड़े पुल।
6. गंगा नदी के किनारे बसे प्रमुख शहरों की झलक।
7. गंगा में मनाए जाने वाले मुख्य पर्व जैसे छठ, कुंभ, देव दीपावली आदि।
8. गंगा घाटों को जोड़ने वाले प्रमुख मार्ग और उन सड़कों का दैनिक जीवन।
9. पंच प्रयाग जैसे देव प्रयाग, रुद्र प्रयाग, कर्ण प्रयाग, नंद प्रयाग और विष्णु प्रयाग।
10. चारों धाम- गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ का चित्रण।
11. गंगा के मुख्य बैराज जैसे भीमगोड़ा, चौधरी चरण सिंह, नरोरा व फरक्का बैराज आदि का आर्थिक महत्व।


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